ललित मुद्गल/शिवपुरी। सुप्रीम कोर्ट द्वारा एससी एसटी एक्ट के तहत एफआईआर एवं गिरफ्तारी की अनिवार्यता से पहले जांच के आदेश दिए थे परंतु पीएम नरेंद्र मोदी सरकार ने एक अध्यादेश लाकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश को निष्प्रभावी और एससी एसटी एक्ट को ताकतवर बना दिया। देश भर में इसका भारी विरोध हुआ परंतु भाजपा के कुछ नेताओं ने ना केवल इसका समर्थन किया बल्कि इसे देश के हित में भी बताया। खनियांधाना में भाजपा का मंडल अध्यक्ष चंद्रशेखर पुरोहित भी उन्हीं नेताओं में शामिल है, जिसने मोदी के फैसले का खुला समर्थन किया था और विरोधियों को देशद्रोही कहा था। अब चंद्रशेखर खुद फंस गया है। उसके खिलाफ एससी-एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज हुआ है और वो सबूत लिए घूम रहा है कि मामला फर्जी है।
मामला क्या है
फरियादी दीपक पुत्र दयाराम जाटव निवासी नदनवारा ने खनियाधानां थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है कि चंदू उर्फ चंद्रशेखर पुरोहित ने टेकरी मंदिर के पास 200 रुपए मांगे। 200 रुपए नहीं दिए तो जाति सूचक गालियां दीं। पुलिस ने भाजपा नेता के खिलाफ नियमानुसार एससी-एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया और गिरफ्तारी के लिए प्रयास शुरू कर दिए।
केस फर्जी कैसे है
चंद्रशेखर पुरोहित भाजपा मंडल खनियांधाना में मीडिया प्रभारी है। मामला दर्ज होने के बाद से वो फरार है। उसका भाई एसपी शिवपुरी के पास प्रमाण लेकर आया। उसने बताया कि जिस समय की घटना बताई जा रही है, उसी समय चंद्रशेखर का झगड़ा हो रहा था परंतु दीपक जाटव के साथ नहीं बल्कि दूसरे सवर्ण लोगों के साथ। क्योंकि विवाद गंभीर अपराध की श्रेणी में नहीं था अत: विरोधियों खुद रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई और दीपक जाटव को भेज दिया। जबकि दीपक जाटव और चंद्रशेखर एक दूसरे को जानते तक नहीं। प्रमाण स्वरूप घटना के सीसीटीवी फुटेज पेश किए गए हैं।
क्या एससी-एसटी एक्ट का इसी तरह दुरुपयोग होता है
ग्रामीण क्षेत्रों में यह अचूक हथियार है। अनुसूचित जाति के किसी भी व्यक्ति से शिकायत पर अंगूठा लगवा लिया जाता है और आप जिसे चाहे फंसा सकते हैं। केवल क्षेत्र के दबंग ही नहीं बल्कि पुलिस भी एससी-एसटी एक्ट को हथियार की तरह यूज करती है। पुलिस एससी-एसटी एक्ट की शिकायतों पर तत्काल कार्रवाई करती है, क्योंकि ऐसा करने पर उन्हे मोटी रिश्वत मिलने की संभावना होती है। कोर्ट में मौजूद रिकॉर्ड भी इस बात के प्रमाण हैं कि ज्यादातर एससी-एसटी एक्ट के तहत दर्ज प्रकरण न्यायालय में प्रमाणित ही नहीं हुए।