भोपाल। मध्यप्रदेश में इन दिनों BJP भले ही सदमे में है परंतु कांग्रेस के नेता सत्ता पक्ष और विपक्ष की भूमिका बखूबी निभा रहे हैं। दिग्विजय सिंह ने ज्योतिरादित्य सिंधिया कोटे से मंत्री बने उमंग सिंघार को नर्मदा प्लांटेशन घोटाला मामले में फटकार लगाई तो उमंग सिंघार ने भी दिग्विजय सिंह को टका सा जवाब दे दिया और नसीहत भी कि पहले अपने बेटे को संभालें, फिर दूसरे मंत्रियों को।
दिग्विजय सिंह ने विधानसभा में दिए गए उमंग सिंघार के जवाब को गलत ठहराया था और नसीहत देते हुए कहा था कि नर्मदा के किनारे वे कितने किलोमीटर पैदल चले हैं। इस पर बुधवार को वन मंत्री सिंघार ने पलटवार करते हुए दिग्विजय सिंह को एक चिठ्ठी लिख दी है। सिंघार ने इसमें कहा कि मीडिया में बयान देने से पहले आपको मुझसे चर्चा करना चाहिए थी। बिना पढ़े आपने मीडिया में बयान जारी कर दिया, जबकि आपके बेटे और नगरीय विकास मंत्री जयवर्धन सिंह ने एक प्रश्न के उत्तर में सिहंस्थ घोटाले में विभाग को क्लीनचिट दे दी। सिंघार ने दिग्विजय को नसीहत देते हुए कहा कि आपको सभी के साथ न्याय करना चाहिए और प्रदेश में पार्टी कैसे मजबूत हो, इसके लिए सोचना चाहिए।
गौरतलब है कि उमंग सिंघार कांग्रेस की गुटीय राजनीति में ज्योतिरादित्य सिंधिया के नजदीकी माने जाते हैं। सिंघार ने दिग्विजय को चिठ्ठी के साथ नर्मदा किनारे रौपे गए पौधों का भौतिक सत्यापन करवाने के निर्देश और अन्य कागज भी सौंपे हैं। सिंघार ने कहा कि इस मामले में एक महीने में रिपोर्ट मांगी गई है। सिंघार ने कहा कि मैंने इस मामले में पूरी गंभीरता और संजीदगी से जवाब दिया है।