सीधी। आदिवासियों में 'बैगा' जनजाति को संरक्षित जनजाति घोषित किया गया है। यह दुनिया से विलुप्त हो रही जनजाति है अत: बैगा आदिवासियों को स्वस्थ व सुरक्षित रखने के लिए करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं। इस बीच आज एक हादसा हो गया। बिंद्रेसी बैगा के घर में रात 2 बजे अचानक रसोई गैस सिलेंडर फट गया। इस हादसे में बिंद्रेसी बैगा की मौत हो गई और पूरा घर जलकर राख हो गया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्राम करमाई दमका टोला निवासी बिंद्रेसी बैगा पिता पांडू बैगा के कच्चे बने कमरे में 12 फरवरी की दरमियानी रात लगभग 2:00 बजे अज्ञात कारणों से आग लग गई। गैस सिलेंडर के फटने की आवाज से लोगों की नींद खुली तो देखा कि बैगा परिवार के एक साथ सटे कच्चे मकानों में आग धधक रही है। ग्रामीणों ने डायल 100 में फोन कर घटना से अवगत कराया गया। मझौली थाने में कार्यरत 100 डायल फायर वाहन के साथ तत्काल पहुंचकर आग बुझाई गई तब तक कमरे के अंदर सो रहे बिंद्रेसी पिता पांडू बैगा पूरी तरह आग में झुलस गया एवं दम तोड़ दिया। जिसकी पत्नी दो पुत्रियों के साथ अपने मायके में रहती थी दोनों में आपसी मतभेद बताया गया। अपनी वृद्ध मां के साथ मृतक रहता था रोजी रोटी के लिए बाहर रहता था जो कुछ दिन पूर्व ही घर आया था।
परिवार वालों की माने तो आग लगने का कारण उज्जवला योजना से प्राप्त गैस सिलेंडर या विद्युत में शॉर्ट सर्किट हो सकता है। वहीं मृतक के चाचा फक्कड़ पिता गौतम बैगा के हिस्से का भी एक कमरा क्षतिग्रस्त हो गया है। जिससे पाली 7 मुर्गी एवं रखा अनाज जलकर खाक हो गया। फिलहाल पंचनामा उपरांत सब का पीएम हेतु मरचुरी लाया गया जहां से पीएम उपरांत दाह संस्कार के लिए शव परिवार वालों को सौंपा गया थाने में मर्ग कायम कर विवेचना में लिया गया है।