भोपाल। मनीषा मार्केट में रहने वाले बीकॉम के छात्र की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। उसका शव उसके पिता के कमरे में झूल रहा था। घर अंदर से बंद था परंतु उसका मोबाइल गायब था। कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है और आत्महत्या का कोई कारण भी समझ नहीं आ रहा है। पुलिस इसे डिप्रेशन में की गई आत्महत्या मान रही है जबकि छात्र की बड़ी बहन ने बताया कि भाई रिजर्व नेचर का जरूर था लेकिन पढ़ाई में होशियार था। घर में उम्र भी 21 साल हुई थी अत: बेरोजगारी की समस्या भी नहीं थी। परिवार में किसी बात की कमी नहीं थी।
चूनाभट्टी पुलिस के मुताबिक आदर्श साहू (21) मनीषा मार्केट चूनाभट्टी में रहता था। वह BSS में बीकॉम की पढ़ाई कर रहा था। उससे चार साल बड़ी बहन ट्विंकल इंजीनियर है और पुणे में जॉब करती है। जबकि मां कल्पना और पिता रामभरोसे मनीषा मार्केट में ही किराने की दुकान चलाते हैं। पढ़ाई के साथ-साथ आदर्श किराने की दुकान पर भी मदद करता था। गुरुवार की शाम आदर्श घर पर अकेला था, जबकि परिजन दुकान पर थे। शाम को काफी देर तक आदर्श जब दुकान पर नहीं आया तो मां कल्पना उसे बुलाने के लिए घर पहुंची।
काफी देर तक खटखटाने पर भी जब दरवाजा नहीं खुला तो उन्होंने पति और आसपास के पड़ोसियों को बुलाया। जैसे-तैसे दरवाजा खोला और मां-बाप अंदर पहुंचे तो वह पिता के बेडरूम में दुपट्टे का फंदा बनाकर फांसी पर लटका हुआ था। परिजन आदर्श को पास के निजी अस्पताल में ले गए, जहां उसकी नाजुक हालत को देखकर उसे शाहपुरा के एक बड़े अस्पताल में ले जाने के लिए कहा गया लेकिन वहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
न तो MOBILE मिला न सुसाइड नोट
चूनाभट्टी के एएसआई बाबू लाल सिंह के अनुसार शुक्रवार सुबह शव का पीएम कराने के बाद उसे परिजन को सौंप दिया गया। कमरे की तलाशी के दौरान न तो सुसाइड नोट और न ही उसका मोबाइल फोन पुलिस को मिल पाया है। परिजन के बयान होने के बाद ही फांसी लगाने के कारण सामने आ सकता है। रामभरोसे साहू का आदर्श इकलौता बेटा था।
बचपन से ही कम बोलता था, ज्यादा दोस्त बनाना पसंद नहीं था
मृतक की बहन ट्विंकल साहू ने बताया कि आदर्श मुझसे चार साल छोटा था। वह बचपन से रिजर्व नेचर का था। उसे ज्यादा लोगों से बात करना, दोस्त बनाना और घूमना-फिरना पसंद नहीं था। वह मुझसे भी कम बात किया करता था। वह कहता था कि उसे ज्यादातर घर पर रहना और सोना है। हालांकि वह पढ़ने में तेज था। उसके नंबर हमेशा अच्छे आते थे। उसने कामर्स विषय से 12 वीं कक्षा अच्छे नंबर से पास की थी लेकिन कई बार कहने लगता था कि मेरा कोई लक्ष्य नहीं है। उसने खुदकुशी जैसा कदम क्यों उठाया, हमारी समझ में नहीं आ रहा है।