भोपाल। राज्य सरकार ने विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन (Vikram University, Ujjain) के कार्यकलापों के संबंध उपलब्ध करवाई गई रिपोर्ट के आधार पर धारा 52 (Madhya Pradesh University Act of 1973, Section 52) लागू करने का निर्णय लिया है। उच्च शिक्षा मंत्री श्री जीतू पटवारी ने उपलब्ध रिपोर्ट के संदर्भ में निर्देश दिये थे। इसके बाद यूनिवर्सिटी का प्रबंधन सरकार के हाथ में आ जाएगा और सरकार अपनी ओर से कुलपति नामित करेगी।
मप्र शासन की ओर से जारी आधिकारिक सूचना के अनुसार कमलनाथ सरकार ने विचारोपरांत मध्यप्रदेश विश्वविद्यालय अधिनियम 1973 (क्र.22 1973) की धारा 52 की उपधारा (एक) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए उक्त अधिनियम की तृतीय अनुसूची में विनिर्दिष्ट उपान्तरणों के अध्यधीन रहते हुए धारा, उक्त अधिनियम की धारा 13,14,20, 40, 45,48 ,54 और 67 के उपबंध विश्वविद्यालय के हित में समीचीन मानते हुए विक्रम विश्वविद्यालय में इन्हें 15 फरवरी से लागू किये जाने की अधिसूचना आज जारी कर दी है।
क्यों लगाई गई धारा 52
आरोप है कि विश्वविद्यालय अधिनियम 1973 की धारा-13 के उपबंधों का उल्लंघन करते हुए कुलपति की नियुक्ति की गई है। इसके अलावा दो वर्षीय कार्यकाल के दौरान पुस्तक व कंप्यूटर की खरीदी में भी अनियमितताएं हुई हैं। एनएसयूआई ने पिछले दिनों यहां विरोध प्रदर्शन करके धारा 52 लगाने की मांग की थी।