नरेंद्र मोदी को भारत का प्रधानमंत्री बने हुए 5 साल पूरे हो गए परंतु उनकी जिंदगी के रहस्य अब भी शेष हैं। लोग कई सवाल करते हैं। हमने ऐसे ही सैंकड़ों सवालों में से 05 सवाल चुने हैं, आइए उनके जवाब तलाशते हैं:
नरेंद्र मोदी अपने पिता का नाम क्यों नहीं लेते
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पूरा नाम Narendra Damodardas Modi है। दामोदर दास मोदी उनके पिता का नाम है। नरेंद्र मोदी की जितनी भी कहानियां सुनाईं जातीं हैं, उनमें नरेंद्र मोदी की मां हीराबेन मोदी का जिक्र तो होता है परंतु उनके पिता दामोदर दास मोदी का कभी कोई जिक्र नहीं होता। खुद पीएम मोदी अपनी मां के बारे में बात करते हैं परंतु अपने पिता का कभी नाम तक नहीं लेते। नरेंद्र मोदी के बचपन तक की तस्वीरें इंटरनेट पर मिल जाएंगी परंतु उनकी एक भी तस्वीर में उनके पिता दिखाई नहीं देते। वो कभी अपने पिता को श्रृद्धांजलि देते हुए भी दिखाई नहीं दिए। सच क्या है, यह अब भी रहस्य है परंतु कहते हैं कि एक बार उन्हें हार्ट अटैक पड़ा लेकिन ढंग से इलाज न हो पाने के चलते उनका निधन हो गया। उनके निधन के वक़्त मोदी जी अपने पिता के पास नही थे। इसका उन्हें जिंदगी फर अफसोस रहा। मोदी को इस बात का दुख है कि वो अपने पिता के अंतिम समय मे उनकी सेवा नही कर पाए इसलिए वो सार्वजनिक मंचों से अपने पिता का जिक्र नही करते।
क्या नरेंद्र मोदी के भाई बहन नरेंद्र मोदी को अपने पिता की मौत का ज़िम्मेदार मानते है?
2018 में सोशल मीडिया एक न्यूज वायरल हुई थी। उसमें कहा गया था कि नरेंद्र मोदी घर से पैसे चोरी करके भाग गए थे। उनके इस तरह घर से भाग जाने के कारण उनके पिता को हृदयघात हुआ। पैसे ना होने के कारण उनकी मृत्यु हो गई। यह भी कहा गया कि नरेंद्र मोदी का परिवार उन्हे उनके पिता की मौत का जिम्मेदार मानता है। हालांकि इस खबर की कभी पुष्टि नहीं हुई। नरेंद्र मोदी के परिवार, भाई बहन इत्यादि की तरफ से कभी इस संदर्भ में कोई आधिकारिक बयान नहीं आया। हालांकि इस वायरल खबर का खंडन भी नहीं किया गया।
नरेन्द्र मोदी के बचपन का नाम क्या था
भारत में बच्चों को प्यार से पुकारने के लिए माता पिता द्वारा एक नाम दिया जाता है। कुछ बच्चों को एक से ज्यादा नाम से भी पुकारा जाता है। इसे बचपन का नाम या घर का नाम कहते हैं। क्या आप जानते हैं नरेंद्र मोदी को भी ऐसे ही एक नाम से पुकारा जाता है। जी हां, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बचपन में उनके परिजन 'नरिया' कहकर पुकारते थे।
क्या नरेंद्र मोदी 370 हटाने के लिए धरने पर बैठे थे
इस प्रश्न के उत्तर की तलाश अधूरी रही। सिर्फ इतना पता चल पाया कि नरेंद्र मोदी करीब 15-20 साल पहले धारा 370 हटाने के लिए धरने पर बैठे थे। इस धरने की तारीख और स्थान पता नहीं चल पाया है। यह धरना कितने दिन चला यह भी पता नहीं चला लेकिन धरने को प्रमाणित करने के लिए यह फोटो जरूर प्राप्त हुआ। यदि आपके पास कोई प्रमाणित जानकारी हो तो कृपया 9425137664 पर बताएं।
नरेंद्र मोदी का राम मंदिर आंदोलन में क्या योगदान है
राम मंदिर आंदोलन, भाजपा का एक ऐसा आंदोलन है जिसमें भाजपा, आरएसएस और इस विचारधारा से जुड़े सभी संगठनों के 100 प्रतिशत नेताओं ने भाग लिया। प्रश्न उपस्थित हुआ है कि राम मंदिर आंदोलन में नरेंद्र मोदी का क्या योगदान था। बावरी विध्वंस के दिन नरेंद्र मोदी कहां थे। इसे बारे में संघ और भाजपा से जुड़े कई नेताओं से बातचीत की परंतु ज्यादातर के पास कोई प्रमाणित जानकारी नहीं थी, लेकिन फिर भी सटीक जानकारी हाथ लग गई।
1990 में भाजपा के तत्कालीन अध्यक्ष लालकृष्ण आडवाणी ने अपनी बहुचर्चित सोमनाथ यात्रा निकाली। नरेंद्र मोदी इसके इंचार्ज थे।
1991 में नरेंद्र मोदी भाजपा के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष मुरली मनोहर जोशी की कश्मीर से कन्याकुमारी तक “एकता यात्रा” के संयोजक थे।
यात्रा के बाद वे गुजरात वापस लौटे, किन्तु उसके बाद शंकर सिंह बाघेला के साथ उनके मतभेद बढ़ने लगे।
इसके बाद नरेंद्र मोदी के बारे में कहीं कुछ भी लिखा हुआ नहीं मिलता।
कहीं किसी के बयानों में भी नरेंद्र मोदी का जिक्र नहीं मिलता।
उस समय आरएसएस के प्रचारक रहे एक वरिष्ठ नागरिक ने नाम ना छापने का आग्रह करते हुए बताया कि 06 दिसम्बर 1992 नरेंद्र मोदी अयोध्या मेें नहीं थे। वो उत्तरांचल में थे जिसे अब उत्तराखंड कहा जाता है। 06 दिसम्बर 1992 की घटना के बाद उन्हे दिल्ली बुलाया गया था। वो आए या नहीं, इसका पता नहीं है।
संघ के इतिहास को संकलित कर रहे वरिष्ठ स्वयं सेवक श्री हरिहर निवास शर्मा ने बताया कि 1991 की यात्रा के बाद 1995 में गुजरात में हुए विधानसभा चुनाव में श्री नरेंद्र मोदी का जिक्र आता है।