भोपाल। भाजपा शासन में नशाबंदी का अभियान चलाने वाली कांग्रेस के सुर सत्ता में आते ही बदल गए। सरकार ने शराब बंद करने की बजाय 20 फीसदी दाम बढ़ाकर राजस्व बढ़ाने की तैयारी कर ली है। नई आबकारी नीति के तहत एक अप्रैल से देसी-विदेशी शराब के दाम 20 फीसदी बढ़ जाएंगे।
इसके बाद अभी 100 रुपए में मिलने वाली एक पाव शराब अगले महीने की एक तारीख से 120 रुपए में मिलेगी। जिले में सालभर में औसतन 400 करोड़ की शराब बिकती है। इस प्रकार जिले में शराब पीने वालों को सालभर में 78 करोड़ रुपए ज्यादा चुकाने होंगे। अधिकांश ठेकेदारों ने नई नीति के तहत दुकानों को रिन्युवल करने का आवेदन कर दिया है।
शासन और ठेकेदारों को होगा फायदा
जबलपुर में सालाना कारोबार 400 करोड़ तक पहुंच चुका है। आबकारी विभाग ने 20 प्रतिशत ज्यादा राशि मिलने के बाद शासन के खाते में 78 करोड़ की इनकम बढ़ने की रिपोर्ट बनाई है। इसका मतलब है कि शासन अपने हिस्से की कमाई रखेगा और ठेकेदार अपना कमीशन भी निकाल लेंगे, घाटा सिर्फ जाम छलकाने वालों को होगा।
500 रुपए की बोतल 600 में मिलेगी
आबकारी विभाग फिलहाल दुकानों का रिन्युवल करने में जुट गया है। भोपाल से शराब के नए दाम की सूची भी जिले तक नहीं पहुंची है। यह सूची 25 मार्च के बाद मिलेगी, जिसे एक अप्रैल से लागू कर दिया जाएगा। ब्रांड व खपत के हिसाब से एमआरपी और एमएसपी के रेट तय होंगे। अंग्रेजी शराब की 500 रुपए की बोतल खरीदने के लिए सीधे 600 रुपए चुकाने होंगे। इसी प्रकार 1 हजार वाली बोतल 1200 रुपए में मिलेगी। इसी तरह देसी शराब के दाम भी बढ़ जाएंगे।
अवैध और मिलावटी शराब की टेंशन
अब शराब ठेकेदारों और आबकारी विभाग को इस नई नीति के कारण अवैध और मिलावटी शराब के धंधे से भी निबटना होगा। अफसरों का कहना है कि दाम बढ़ जाने के कारण मध्यम वर्गीय व निचले तबके का व्यक्ति सस्ती शराब खरीदना चाहेगा। इससे अवैध और मिलावटी शराब की बिक्री बढ़ेगी। इस समस्या से निबटने के लिए विभाग के पास पर्याप्त स्टाफ व बल भी नहीं है। सबसे ज्यादा ग्रामीण क्षेत्र में चौकसी बरतनी होगी, क्योंकि ग्रामीण क्षेत्र में देसी व कच्ची शराब का धंधा ज्यादा चलता है।