प्याज: किसान बोले 2 रुपए में बिक रही है, अधिकारी ने कहा उनकी प्याज घटिया है | MP NEWS

खंडवा। प्याज को लेकर एक बार फिर विवाद शुरू हो गया है। किसान आक्रोशित हैं। उनका आरोप है कि प्रति हेक्टेयर प्रति किलो 10 रुपए खर्च कर बुवाई की, उसी प्याज के दाम उसे मंडी में 2 से 3 रुपए किलो मिल रहे हैं। प्रति किलो 7 रुपए तक का नुकसान हो रहा है जबकि राजू बड़वाया, जिला उद्यानिकी अधिकारी का कहना है कि सिर्फ घटिया किस्म की प्याज ही 3 रुपए किलो बिक रही है। अच्छी प्याज पर किसान को प्रतिकिलो 5 रुपए का मुनाफा हो रहा है। 

किसानों का आरोप है कि यह स्थिति सरकार के समर्थन, भावांतर मूल्य पर खरीदी नहीं करने व महाराष्ट्र का प्याज जिले में बुलवाने से बनी है। प्याज का उचित दाम नहीं मिलने पर जिले के किसान 8 मार्च को नगर निगम के बाहर प्रदर्शन कर शहरवासियों को मुफ्त में प्याज बांटेंगे। रबी सीजन 2018-19 में जिले के 2500 किसानों ने साढ़े पांच हजार हेक्टेयर में प्याज की बुवाई की है। इसके अनुसार 13 लाख 75 हजार क्विंटल का उत्पादन हुआ है। जिला उद्यानिकी विभाग के अनुसार किसानों को 1 हेक्टेयर में 3 रुपए प्रति किलो की लागत आई है, जबकि किसान रोटावेटर, कल्टीवेटर, बिजाई, खाद, दवाई छिड़काव, निकलाई, भरवाई, ट्रांसपोर्ट, तुलाई, हम्माली, बोरी सहित एक हेक्टेयर में 10 रुपए प्रति किलो लागत बता रहे हैं।

भारतीय किसान संघ मैदान में उतरा

भाकिसं के अनुसार किसानों का प्याज मंडी में व्यापारियों द्वारा 2 से 3 रु. प्रति किलो में खरीदा जा रहा है, जबकि वही प्याज बाजार में 10 से 15 रुपए प्रति किलोे बिक रहा है। ऐसे में किसान को प्रति हेक्टेयर 8 रुपए किलो का नुकसान हो रहा है। अगर उन्हें प्याज का लागत मूल्य नहीं मिलता है तो प्याज फेंकने व जानवरों को खिलाने की नौबत आ जाएगी। भाकिसं के जिलाध्यक्ष धरमचंद गुर्जर ने बताया किसानों को प्याज की उपज का सही दाम नहीं मिलने व प्रदेश सरकार द्वारा किसानों की स्थिति पर ध्यान नहीं देने के विरोध में 8 मार्च की दोपहर 12 से 2 बजे तक जिलेभर के किसान नगर निगम के बाहर एकत्रित होकर प्रदर्शन करेंगे, साथ ही 200 कट्टे प्याज शहरवासियों को मुफ्त में बांटेंगे।

भाकिसं के अनुसार प्रति एकड़ भूमि पर खर्च की स्थिति

भाकिसं के सचिव सुभाष पटेल ने बताया एक एकड़ में प्याज की बुवाई पर 35 से 45 हजार रुपए तक खर्च आता है। जिसमें रोटावेटर, कल्टीवेटर के 2 हजार, बिजाई 9 हजार रु., खाद-दवाई छिड़काव 15 हजार रु., निकलवाई 5500 रु., भरवाई 2 हजार रु., ट्रांसपोर्ट भाड़ा 1500 रु., खाली बोरी 26 रु. प्रति बोरी, हम्माली-तुलवाई 5 हजार रु., बिजली बिल 2500 रु. खर्च आता है। मजदूरी जोड़े तो 150 रु. प्रति दिन से दो व्यक्तियों की 300 के हिसाब से चार महीने की मजदूरी 36 हजार रु. होती है।

अच्छे किसान को कोई परेशानी नहीं है: अधिकारी

हमने किसानों के खेतों की स्थिति का पता किया है। बेस्ट क्वालिटी का प्याज खेत से ही 8 रु. किलो बिक रहा है जबकि घटिया किस्म का दाम 3 रु. किलो तक है। किसानों को 5 रु. प्रति किलो का फायदा मिल रहा है, फिलहाल फेंकने व जानवरों को खिलाने जैसी स्थिति नहीं है। 
राजू बड़वाया, जिला उद्यानिकी अधिकारी

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