होलिका अष्टक (Holika Ashtak) 14 मार्च से प्रारंभ हो गए हैं। होलिका अष्टक के साथ ही मांगलिक कार्य जैसे विवाह समारोह, गृह प्रवेश, मुंडन आदि पर प्रतिबंध (BAN) लग गया है। क्योंकि होलिका अष्टक के समय सभी ग्रहों का स्वभाव उग्र होता है। इस समय किए गए सभी कार्यों से हानि की आशंका रहती है। वहीं 15 मार्च से खरमास भी प्रारंभ हो जाएगा। जिसका समापन 14 अप्रैल को होगा। इस दौरान वैवाहिक कार्यक्रम (Wedding Programs) नहीं होंगे।
ज्योतिषाचार्य पं. किशोरपुरी महाराज (Jyotishcharya Pt. Kishore Maharaj) के अनुसार इस बार 20 मार्च को होली का पर्व पूर्णिमा को मनाया जाएगा। होली के आगमन के पूर्व ही बसंत अपना प्रभाव दिखाने लगेगा। 20 मार्च को होलिका दहन (Holika Dhahan) होगा, जबकि 21 मार्च को धुलेंडी पर लोग एक दूसरे पर रंग डालेंगे। होली का पर्व 25 मार्च रंगपंचमी (Rangpancmi) तक धूमधाम से मनाया जाएगा। 20 मार्च से रंगों का पर्व होली प्रारंभ हो रहा है। 20 मार्च को रात 8.58 से 12.34 बजे तक होलिका दहन का शुभ मुहूर्त रहेगा। वहीं पूर्णिमा तिथि की शुरूआत 20 मार्च को रात 10.44 बजे से होकर 21 मार्च को सुबह 7 बजे तक रहेगी।
15 अप्रैल से प्रारंभ होंगे वैवाहिक आयोजन / Weddings Will Start on April 15th,
पं. किशोरपुरी के अनुसार मार्च से लेकर दिसम्बर माह तक 73 दिन शादियों के मुहूर्त रहेंगे। 2 से लेकर 14 मार्च के बीच केवल 8 दिनों में ही वैवाहिक मुहूर्त रहेंगे। इसके बाद 12 जुलाई से देवशयनी एकादशी प्रारंभ हो जाएगी जो कि 8 नवम्बर तक रहेगी। इसमें देवता शयन करते हैं, इसलिए चातुर्मास में विवाह आदि के आयोजन नहीं किए जाते हैं।
इन माह में इतने रहेंगे शादी के मुहूर्त
मार्च माह में 8 दिन शादी के मुहूर्त हैं, अप्रैल में 12 दिन, मई में 17 दिन, वहीं 7 मई को अक्षय तृतीया पर अबूझ मुहूर्त रहेगा। जून माह में 15 दिन, जुलाई में 7 दिन, इसके बाद 19 से 30 नवम्बर तक 9 दिन और 5 से 12 दिसम्बर तक विवाह के मुहूर्त हैं।