नई दिल्ली। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अक्सर अपने ब्लॉग के जरिए लोगों से संवाद करते हैं। ताजा ब्लॉग में उन्होंने वंशवाद की राजनीति पर अपने विचार रखे। उन्होंने राजनीति में वंशवाद को लोकतंत्र के लिए खतरा बताया। अब सवाल यह उठता है कि क्या देश भर के वो 25 लाख चौकीदार जिन्होंने रातों रात अपने नाम के आगे चौकीदार लगाया है, भाजपा में वंशवाद को रोकने के लिए काम करेंगे।
उन्होंने अपने इस ब्लॉग की शुरुआत 2014 के लोकसभा चुनाव के नतीजों से की। पीएम मोदी ने बताया कि वर्ष 2014 का जनादेश ऐतिहासिक था। उन्होंने कहा 2014 में पहली बार किसी गैर वंशवादी पार्टी को पूर्ण बहुमत मिला था। पीएम मोदी ने कांग्रेस पर वंशवादी पार्टी होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा भारत ने देखा है कि जब भी वंशवादी राजनीति हावी हुई तो उसने देश की संस्थाओं को कमजोर करने का काम किया। उन्होंने कहा कि वंशवाद को बढ़ावा देने वाली पार्टियां कभी भी स्वतंत्र और निर्भीक पत्रकारिता के साथ सहज नहीं रही हैं।
वंशवाद का ताजा शिकार भाजपा है
भारत के लगभग सभी राजनीतिक पार्टियां वंशवाद का शिकार हैं। भाजपा में दावा किया जाता है कि यहां नेता का पुत्र का रिश्तेदार नहीं बल्कि कार्यकर्ता महत्वपूर्ण होता है। यही कारण है कि एक चाय बेचने वाला नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बन सका। 2019 के लोकसभा चुनाव में 100 से ज्यादा सीटों पर दिग्गज नेता अपने रिश्तेदारों को टिकट दिलाने के लिए जोर लगा रहे हैं। सवाल यह है कि अपने नाम के आगे 'चौकीदार' लगाने वाले 25 लाख मोदी फालोअर्स क्या भाजपा से वंशवादी नेताओं को खदेड़ने का अभियान चलाएंगे। जो 'चौकीदार' अपना घर ही सुरक्षित ना रख पाए, देश की 'चौकीदारी' कैसे करेगा।