जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने महज 3 माह के भीतर शिक्षा विभाग के कर्मचारी को स्थानांतरित किए जाने के रवैये को आड़े हाथों लिया। इसी के साथ ट्रांसफर पर रोक लगा दी।
न्यायमूर्ति सुबोध अभ्यंकर की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान याचिकाकर्ता सिवनी धनौरा निवासी शारदा पटैल की ओर से अधिवक्ता रवीन्द्र श्रीवास्तव ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सिवनी ने तबादले का आदेश जारी किया था। तीन माह बाद ही दूसरी जगह भेजना अनुचित है।
लिहाजा, पूर्ववत प्राथमिक शाला पौनारकला विकासखंड बरघाट में कार्य करने दिया जाए। मातृत्व अवकाश के बावजूद 95 किलोमीटर दूर भेजना व्यवहारिक नहीं है। इससे जज्चा-बच्चा दोनों की सेहत पर बुरा असर पड़ेगा।