नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 की धारा (1) में संशोधन के लिए अध्यादेश को मंजूरी दे दी। अनुच्छेद 370 के तहत राज्य को विशेष दर्जा हासिल है। इस अध्यादेश को मंजूरी के लिए राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा। सरकार ने यह संशोधन अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) को आरक्षण का लाभ देने के लिए किया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में यह फैसला लिया गया। इसकी जानकारी वित्त मंत्री अरुण जेटली ने दी। उन्होंने बताया कि जम्मू-कश्मीर आरक्षण (संशोधन) अध्यादेश 2019 को मंजूरी दी गई है। इसके तहत जो लोग अंतरराष्ट्रीय सीमा (आईबी) के पास रहते हैं, उन्हें भी आरक्षण का लाभ मिलेगा। उन्होंने बताया कि 2004 से अब तक केवल नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास रहने वाले लोगों को ही आरक्षण का लाभ मिलता था।
इसके अलावा संविधान (एप्लीकेशन टु जम्मू एंड कश्मीर) संशोधन ऑर्डर 2019 को भी मंजूरी दी गई है। उन्होंने कहा कि इसके तहत जम्मू और कश्मीर में मौजूदा आरक्षण के अलावा आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लोगों को शैक्षिक संस्थानों और सरकारी नौकरियों में 10 फीसदी आरक्षण मिलेगा।
कैबिनेट फैसले से सरकारी सेवाओं में अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों को पदोन्नति में आरक्षण का लाभ मिलने लगेगा। इसमें गुज्जर व बक्करवाल भी शामिल हैं। 24 साल के इंतजार के बाद 77वां संविधान संशोधन 1995 रियासत में लागू हो पाएगा। इसके साथ ही आर्थिक रूप से कमजोर तबके के लिए 10 फीसदी आरक्षण का लाभ भी मिलने लगेगा। किसी भी धर्म या जाति से जुड़े युवाओं को राज्य सरकार की नौकरियों में आरक्षण का लाभ लेने का मार्ग प्रशस्त करेगा। यह प्रावधान देशभर में 103वें संविधान संशोधन के जरिये जनवरी में ही लागू हो गया था। यह केंद्र सरकार की नौकरियों में उपलब्ध आरक्षण के अतिरिक्त होगा।
इस आदेश के लागू होने से एलओसी की तर्ज पर आईबी के लोगों को भी राज्य सरकार की नौकरियों में तीन फीसदी आरक्षण का लाभ मिलने लगेगा। पहले तीन फीसदी आरक्षण का लाभ एलओसी से छह किमी के दायरे में रहने वाले लोगों को मिलता था। यह बार्डर के लोगों की लंबे समय से मांग थी, जो क्रास बार्डर फायरिंग से हमेशा प्रभावित होते रहे हैं।
ज्ञात हो कि संविधान 77वां संशोधन अधिनियम 1955 को संविधान के अनुच्छेद 16 की धारा 4 के बाद धारा 4ए जोड़कर लागू किया गया। धारा 4ए में सेवा में अनुसूचित जातियों तथा जनजातियों को पदोन्नति लाभ देने का प्रावधान है। संविधान 103वां संशोधन अधिनियम 2019 देश में जम्मू और कश्मीर को छोड़कर लागू किया गया है और जम्मू और कश्मीर तक अधिनियम के विस्तार से राज्य के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को आरक्षण का लाभ प्राप्त होगा।
आईबी के 350 गांवों को मिलेगा आरक्षण
रियासत में अंतरराष्ट्रीय सीमा (आईबी) पर रहने वाले 350 गांवों के लोगों को आरक्षण का लाभ मिलेगा। इससे लगभग तीन लाख आबादी को लाभ पहुंचेगा। राज्यपाल सत्यपाल मलिक की अध्यक्षता में पिछले दिनों हुए राज्य प्रशासनिक परिषद (एसएसी) की बैठक में जम्मू-कश्मीर आरक्षण अधिनियम, 2014 में संशोधन को मंजूरी दी गई थी। साथ ही इस प्रस्ताव को केंद्र सरकार के पास भेजा गया था।
स्थायी निवासी संशोधन से नहीं होंगे प्रभावित
राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि संशोधन से स्थायी निवासियों पर किसी प्रकार का असर नहीं पड़ेगा। वेस्ट पाकिस्तानी रिफ्यूजियों को स्थायी निवासियों की श्रेणी में नहीं लाया जा सकता है। आईबी पर रहने वाले वैसे लोगों को ही आरक्षण का लाभ मिलेगा जो स्थायी निवासी होंगे।
चुनाव से पहले चला बड़ा दांव
केंद्र सरकार ने लोकसभा चुनाव की घोषणा से ठीक पहले बड़ा दांव चला है। इसके तहत आईबी के लोगों के साथ ही, अनुसूचित जाति-जनजाति तथा आर्थिक रूप से कमजोर तबके को साधने की कोशिश की है। आरक्षण का लाभ देकर इन लोगों का वोट बैंक हासिल करने की कोशिश की है।