भोपाल। आजाद अध्यापक संघ (Azad Adhyapak Sangh) के प्रांताध्यक्ष भरत पटेल (Bharat Patel) एवं प्रान्तीय प्रवक्ता विनय कनौजिया (Vinay Kanojia) का कहना है कि अध्यापक संवर्ग का शिक्षक संवर्ग में नियुक्ति का कार्य पूरे प्रदेश में लगभग 90 से 95 प्रतिशत हो चुका है और अध्यापक संवर्ग से शिक्षक संवर्ग के आदेश होने के बाद भी अध्यापक संवर्ग सातवें वेतन (Seventh pay) तथा एक जनवरी से बढ़ा हुआ डीए (DA) से वंचित है। इसमें कौन दोषी है? सरकार या अध्यापक संवर्ग/शिक्षक संवर्ग।
आदेश हैं, फिर भी आदेश का इंतजार
अध्यापक जब शिक्षक संवर्ग का आदेश को लेकर संकुलों या जिले के जिम्मेदार अधिकारियों से बात की जाती है तब उनका कहना है कि वरिष्ठ कार्यालय से अलग से आदेश होंगे जबकि आदेश तो उनके पास आयुक्त लोकशिक्षण संचालनालय भोपाल का है, उच्च माध्यमिक शिक्षक के पास। तथा माध्यमिक शिक्षक के पास संयुक्त संचालक (जेडी) का आदेश है, यंहा तक कि प्राथमिक शिक्षक के पास जिला शिक्षा अधिकारियों के डिजिटल हस्ताक्षरीत आदेश हैं।
आजाद अध्यापक संघ के जिलाध्यक्ष देवेंद्र पटेल एवं मनीष कुमार शर्मा (Devendra Patel and Manish Kumar Sharma) का कहना है कि कोई भी विभाग ऐसा नही है, की जिसका आदेश नियुक्ति पत्र में हो उसको उसका लाभ न मिले। चूँकि अध्यापक संवर्ग के पास शिक्षक संवर्ग में शामिल होने के आदेश हैं, और उस आदेश में स्पष्ट उल्लेख है कि 1 जुलाई 2018 से सातवें वेतनमान का लाभ दिया जायेगा परन्तु आज दिनांक तक न सातवें वेतनमान का लाभ दिया गया न ही 1 जनवरी 2019 से बढ़ा हुआ डीए मिला। और कई सुविधाओं से वंचित रखा जा रहा है।
आजाद अध्यापक संघ ने निर्णय लिया है कि लोक सभा की आदर्श आचार संहिता (Model Code of Conduct) न खत्म होते ही अपने हक और अधिकार के लिये निर्णायक आंदोलन करेगा। जिसकी सम्पूर्ण जवाबदारी शासन, प्रशासन की होगी।