एसिडिटी एक ऐसी समस्या है जिससे भारत का हर तीसरा व्यक्ति पीड़ित है। एसिडिटी बहुत कष्ट नहीं देती परंतु इसके कारण कई जानलेवा बीमारियां जरूर हो जातीं हैं। एसिडिटी के ज्यादातर पीड़ित ENO या ऐसी ही कोई दूसरी दवा जिसमें बेकिंग सोडा हो, खाते हैं। इससे तुरंत आराम तो मिल जाता है परंतु आयुर्वेदिक डॉक्टर कहते हैं कि नियमित रूप से एसिडिटी की एलोपैथिक दवाएं खाने से दर्जनों नई बीमारियां हो जातीं हैं।
बताया गया है कि एसिडिटी की स्थिति में अंग्रेजी दवाओं का अधिक सेवन से सरदर्द, चक्कर आना, चिड़चिड़ापन, कमजोरी, थकान, दिल की बीमारी, उलझन, पैरों और घुटनों में सूजन, कफ आना और उल्टी आना जैसी शिकायतों का सामना करना पड़ सकता है। तो आइए हम आपको बताते हैं कि अपने भोजन में किन चीजों को शामिल कर लें, कि आपको एसिडिटी की समस्या ही नहीं होगी और फिर आपको किसी दवा की जरूरत भी नहीं पड़ेगी।
केला: केले में पोटैशियम और ढेर सारा फाइबर होता है, जो पेट में एसिड के स्तर को संतुलित करता है।
सौंफ: यदि आपको एसिडिटी की समस्या है तो सौंफ के कुछ दाने पानी में उबाल लें और इसे रातभर रखा रहने दें. दूसरे दिन इस पानी को पिएं। इसमें एंटी-अल्सर गुण होते हैं। इसके अलावा यह कब्ज में राहत देता है और पेट को ठंडा करने की क्षमता रखता है।
इलायची: यह पाचन को प्रोत्साहित करती है, पेट की मरोड़ में आराम पहुंचाती है। वश्यकतानुसार इलायची लें और कूटकर उसे पानी में डालकर उबाल लें। इसे ठंडा कर पिएं। इससे एसिडिटी में तुरंत राहत मिलेगी।
लौंग: लौंग को दांतों के नीचे रखनेभर से इसका तेज स्वाद आपके पूरे मुंह में फैल जाता है। इसका यही स्वाद बड़े पैमाने पर लार बनाने में मदद करता है, जो कि पाचन प्रक्रिया में मददगार होती है।
दूध: दूध में बड़ी मात्रा में कैल्शियम होता है और यह एसिडिटी को खत्म करने में मदद करता है।ठंडा दूध एसिडिटी की वजह से गले और सीने में होनेवाली जलन से तुरंत आराम पहुंचाता है।
तुलसी: तुलसी पेट को ज़्यादा म्यूकस पैदा करने के लिए प्रोत्साहित करती है और इसके ऐंटी-अल्सर गुण गैस्ट्रिक एसिड्स के प्रभाव को कम करते हैं। जब भी आपको एसिडिटी महसूस हो, तुरंत तुलसी के कुछ पत्ते चबाएं और आराम पाएं।