भोपाल। माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर से याचिका क्रमांक WP-4758-2019 दिनांक 18 मार्च 2019 को स्टे मिला। छठवे वेतन में वेतन निर्धारण आदेश दिनांक 07 जुलाई 2017 से कम न किया जाये तथा नोटिस जारीकर चार सप्ताह में शासन से जबाब मांगा गया। यह जानकारी आजाद अध्यापक संघ के प्रांतीय प्रवक्ता विनय कुमार कनौजिया द्वारा दी गई।
इस केस की सुनवाई सिंगल बेंच में जस्टिस श्री सुबोध अभ्यांकर जी द्वारा की गई। इस केस की पैरवी अध्यापकों की तरफ से अधिवक्ता श्री अमित कुमार चतुर्वेदी ने की तथा शासन का पक्ष अधिवक्ता श्रीमती शीतल दुबे ने की। इस केस में सतना जिले से विनय कुमार कनौजिया, सीहोर जिले से मनीष कुमार चौरसिया व अन्य, जबलपुर जिले से सनद मिश्रा व अन्य थे। इस केस में कुल 17 याचिकाकर्ता थे।
अधिवक्ता श्री अमित कुमार चतुर्वेदी ने ने कहा कि अध्यापक संवर्ग का छठवें वेतन का निर्धारण सही नियमों से नही किया गया और आदेश दिनांक 07 जुलाई 2017, 22 अगस्त 2017, 21 दिसम्बर 2017 को चुनौती दी गई। जिसमें जस्टिस जज श्री सुबोध अभ्यांकर ने मध्यप्रदेश शासन स्कूल शिक्षा विभाग, आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल, तीनों जिलों के जिला पंचायत के मुख्यकार्यपालन अधिकारी तथा जिला शिक्षा अधिकारियों को नोटिस दी गई है और चार सप्ताह का समय दिया गया है जबाब पेश करने के लिये।
साथ ही याचिका कर्ताओं को स्टे देते हुये राहत माननीय उच्च न्यायालय द्वारा दी गई है कि कोर्ट के बगैर हस्तक्षेप के याचिकाकर्ताओं का वेतन कम न किया जाये। चूंकि याचिका कर्ताओं का वेतन दिनांक 07 जुलाई 2017 के आदेश से निर्धारण में 2500 से 4000 रुपये तक कम हो रहा है।