नई दिल्ली। यदि सुप्रीम कोर्ट की बात को आम जनता की आवाज मिल गई तो जल्द ही इस देश में वाहनों पर भी 'परिवार नियोजन' होता नजर आएगा। देश की राजधानी दिल्ली-एनसीआर में गाड़ियों की बढ़ती संख्या को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जताई है। जस्टिस अरुण मिश्रा ने कहा है कि गाड़ियों में भी ‘हम दो हमारे दो’ की नीति लागू होनी चाहिए।
कोर्ट ने एक ही व्यक्ति के पास कई गाड़ियां होने पर कड़ी चिंता ज़ाहिर की है। जस्टिस मिश्रा ने कहा, कि एक कमाऊ व्यक्ति के पास गाड़ी का होना तो समझ में आता है। लेकिन एक व्यक्ति जिसके पास पांच गाड़ियां हैं, वो ठीक नहीं हैं। इसलिए घरों में गाड़ियों के लिए भी परिवार नियोजन होना चाहिए। जस्टिस अरुण मिश्रा ने बजाज ऑटो की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए ये बात कही है।
सुप्रीम कोर्ट ने ऑटो की खरीद पर बैन लगा रखा है और बजाज ऑटो ने इस रोक को खत्म करने के लिए कोर्ट में याचिका दी थी। बजाज ऑटो का कहना है कि ऑटो से होने वाला प्रदूषण तुलनात्मक रूप से कम होता है इसलिए कोर्ट को बिक्री पर लगी पाबंदी हटाई जाए।