बालाघाट। वर्तमान समय में मप्र के सभी ग्रामीण क्षेत्रों में नागरिकों को स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध नहीं हो पा रही है। प्रदेश के अधिकांश सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चिकित्सक विहीन है। इस कारण मप्र के सभी ग्रामीण क्षेत्रों में नागरिकों को पर्याप्त स्वास्थ्य सेवा नहीं मिलना एक गंभीर समस्या बनती जा रही है। इसी मांग को लेकर कांग्रेस आयुष मेडिकल एसोसिएशन के प्रदेश महासचिव डॉ नीरज अरोरा एवं जिला अध्यक्ष डॉ श्याम रंगलानी के नेतृत्व में जिले के 50 से अधिक आयुष चिकित्सकों ने उनके निवास सोनपुरी पहुँच कर विधानसभा उपाध्यक्ष हिना कावरे जी का स्वागत कर सौजन्य भेंट की और प्रदेश में आयुष चिकित्सको को होने वाली परेशानियो और ऐलोपैथिक दवाईया लिखने की अनुमति को लेकर एक माँग पत्र भी सौंपा और आयुष चिकित्सको हो होने वाली परेशानियों के विषय मे विस्तृत चर्चा भी की गई।
आज वर्तमान समय छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, महा., हरियाणा, पंजाब, पश्चिम बंगाल सहित अन्य राज्यो की तर्ज पर मध्यप्रदेश के आयुष चिकित्सको आकस्मिक समय के लिए आपातकालीन चिकित्सा एलोपैथिक दवाईयां लिखने की अनुमति प्रदान की जाए। आयुष चिकित्सको ने बताया कि विधानसभा 2018 के वचन पत्र में कांग्रेस द्वारा आयुष चिकित्सकों को एलोपैथिक दवाईयां लिखने की अनुमति देने के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में पदस्थापना किए जाने की बात कही गई थी। इसी विषय को लेकर आज मंगलवार को सभी आयुष चिकित्सको ने विधानसभा उपाध्यक्ष सुश्री हिना कावरे जी से सौजन्य भेंट कर उन्हें इस विषय की जानकारी दी गई।
चिकित्सको ने बताया कि वर्तमान समय में प्रदेश में लगभग 35000 आयुष चिकित्सक ग्रामीण क्षेत्रो में अपनी सेवाएं दे रहे हैं और आज प्रदेश के लगभग 40000 आयुष चिकित्सक बेरोजगार है। अगर आज कांग्रेस सरकार द्वारा आयुष चिकित्सकों को एलोपैथिक दवा लिखने की अनुमति दी जाती है तो प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में भी स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतन तरीके से मिलने लगेगी।
विधानसभा उपाध्यक्ष द्वारा प्रदेश के आयुष चिकित्सको की इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए जल्द से जल्द कांग्रेस सरकार के वचन पत्र के अनुसार आयुष चिकित्सको को एलोपैथिक दवाईयां लिखने एवं रिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में कार्य करने के लिए कार्ययोजना बनाने का आश्वासन दिया है।*