नई दिल्ली। बच्चों की सेहत को बेहतर रखने के लिए केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा मंडल (सीबीएसई) ने पहली से 8वीं क्लास के बच्चों को "स्वास्थ्य एवं शारीरिक शिक्षा' के जरिये खेलों से जोड़ने का फैसला किया है। 9 मार्च को जारी नई अधिसूचना के मुताबिक, वर्ष 2019-20 से शुरू होने वाली नई कक्षाओं में पहली से 8वीं क्लास के सभी बच्चों को रोजाना कम से कम एक क्लास स्वास्थ्य एवं शारीरिक शिक्षा के लिए दी जाए।
नए विषय की कोई परीक्षा नहीं होगी
2019-20 सत्र से देश में सीबीएसई से संबद्ध सभी स्कूलाें में पहली से 8वीं क्लास तक स्वास्थ्य एवं शारीरिक शिक्षा को मुख्य विषय के तौर पर लिया जाएगा लेकिन, इस मुख्यधारा में जुड़े नए विषय की कोई परीक्षा नहीं होगी। अधिसूचना में स्पष्ट रूप से लिखा गया है कि इस खेल की कक्षा में बच्चों को किसी भी तरह के सिद्धांत आदि न पढ़ाए जाएं, बल्कि यह कक्षा सिर्फ प्रयोगात्मक रहेगी। स्कूल को यह सुनिश्चित करना होगा कि, बच्चे को किसी न किसी एक खेल में हिस्सा लेना ही है।
1. इन खेलों में लेना होगा हिस्सा
टीम गेम - कबड्डी, फुटबॉल
नेट गेम - बैडमिंटन, वॉलीबॉल
इनिंग गेम - क्रिकेट
एथलेटिक्स - दौड़भाग वाले खेल
2. स्वास्थ्य एवं तंदरुस्ती का ध्यान रखा जाएगा।
बच्चों के मानसिक और संवेदनात्मक स्वास्थ्य का भी ध्यान रखा जाएगा, इसके तहत बच्चों को योग, पीटी और परेड व मार्चपास्ट भी करना होगा।
3.सामाजिक परियोजनाएं
बच्चों को समाज से जुड़ी परियोजनाओं में हिस्सा लेना होगा। यह तय किया जाएगा कि किस क्लास के बच्चे समाज के लिए क्या करें।
4. सेहत-गतिविधि कार्ड बनेगा
स्कूल में पढ़ रहे हर बच्चे का स्वास्थ्य कार्ड बनाया जाएगा, इसमें उनकी लंबाई और वजन के साथ उनको सालभर हुई बीमारियों से जुड़ी जानकारियां भरनी होंगी। यह कार्ड सीबीएसई की वेबसाइट पर समय-समय पर अपलोड करना होगा।