भोपाल। विवाह के पहले प्रेम प्रसंग और विवाहेत्तर प्रेम संबंध अक्सर जघन्य अपराध का कारण बन जाते हैं। तनाव में डूबे पति की संवेदनाएं शून्य हो जातीं हैं और वो कुछ ऐसा कर बैठता जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती। दमोह में ऐसा ही हुआ। जिससे उसने विवाह किया, वह शादी के बाद भी अपने प्रेमी के प्यार में पागल थी। प्रेमी ने खुद फोन करके बताया कि उसका बेटा, उसका खून नहीं है। गुस्साए पति ने अपने ही बेटे का गला काट दिया और थाने जा पहुंचा।
पुलिस ने बताया कि धीरज वर्मन 28, पत्नी कीर्ति और 8 माह के बेटा राजू को अपने साथ लेकर दिल्ली जा रहा था। तीनों बस स्टैंड पहुंचे, इस बीच धीरज के मोबाइल पर किसी संदीप का फोन आया और कहा- कीर्ति को दिल्ली मत ले जाओ। उसे यहीं रहने दो। उसने स्वयं को कीर्ति का प्रेमी बताया। इस बात पर कीर्ति और धीरज का विवाद हो गया। कीर्ति दिल्ली जाने से इंकार करने लगी और मायके जाने की जिद पर अड़ गई। इस बात को लेकर दोनों में बहस हो गई। कीर्ति से राजू को छुड़ाकर धीरज थाने की ओर भागा। थाने के सामने उसने राजू के गर्दन पर हंसिया से दो वार कर दिए। जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
शादी के 7 माह में बेटा हो गया था
धीरज ने अस्पताल में बताया कि उसकी शादी कीर्ति से एक साल पहले हुई थी, लेकिन 7 माह में ही उसकी पत्नी की डिलेवरी हो गई। पत्नी शादी के बाद से दिल्ली जाने के लिए तैयार नहीं थी। बार-बार मना करती थी। संदीप वर्मन से उसकी पत्नी का प्रेम प्रसंग था। उसने ही मेरे मोबाइल पर फोन करके कीर्ति को दिल्ली ले जाने से मना कर दिया था। जिस कारण से कीर्ति दिल्ली नहीं जा रही थी। पति ने यह भी बताया कि उसकी शादी जल्दी- जल्दी में कर दी गई थी, उसे पहले से कुछ भी नहीं बताया गया था।
हत्या करने का अफसोस नहीं था
8 माह के बेटे राजू की हत्या के बाद भी धीरज को अफसोस नहीं था। पूछने पर उसने बताया कि बेटा उसका नहीं था, पत्नी ऐसा कहती थी। इसलिए उसने बेटे की हत्या कर दी। आरोपी ने बताया कि बच्चे की हत्या करने के बाद उसकी टेंशन खत्म हो गई। मुझे इसका कोई भी अफसोस नहीं है। बताया जाता है कि वारदात के दौरान धीरज को संदीप ने फाेन करके धमकी दी थी कि कीर्ति को दिल्ली लेकर जाओगे तो ठीक नहीं होगा। इस पर धीरज ने कहा कि तू कौन होता है हमारे परिवार में दखलअंदाजी करने वाला। उसने बताया कि मैं कीर्ति का प्रेमी हूं और जो बच्चा कीर्ति ने जन्मा है, वह मेरा है। इतना सुनने के बाद मैं अंदर तक झकझोर उठा।
दिन भर चिंतित रहता था धीरज
धीरज के पिता भूरा बर्मन का कहना है कि कीर्ति संदीप बर्मन से बात करती थी और इस बात को लेकर धीरज दिनभर मन में चिंतित रहता था, लेकिन यह जो वारदात हुई है वह दिल दहलाने वाली है। कीर्ति वर्मन का कहना भी था कि इस संबंध में मुझे कुछ नहीं कहना है। बड़ी बात तो यह है कि अपराधी ने अपने बच्चे का गला काट कर थाने के अंदर ले गया और पुलिस से बोला कि साहब मैंने अपने बच्चे को मार दिया है और यह बच्चा मेरा नहीं संदीप बर्मन का है और इस बच्चे का किस्सा ही खत्म कर दिया है। यह देख पुलिस शॉक्ड रह गई। पुलिस ने पूछा- इसमें मासूम का क्या कसूर था। आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है।