इंदौर। वोटर लिस्ट में गड़बड़ी के लिए नेताओं ने नया रास्ता अपना लिया है। कुछ बदमाश खुद को चुनाव आयोग का अधिकारी बताते हुए देपालपुर क्षेत्र के बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) के पास पहुंचे और मतदाता सूची की जांच-परख कर कुछ मतदाताओं के नाम हटाने का निर्देश देकर चले गए। बाद में पता चला की चुनाव आयोग से कोई भी दल जांच करने नहीं गया था तब इन फर्जी अधिकारियों के खिलाफ पुलिस में प्रकरण दर्ज कराया गया। समाचार लिखे जाने तक यह पता नहीं चल पाया है कि बदमाश किस पार्टी के नेता थे।
देपालपुर पुलिस द्वारा शासकीय कार्य में बाधा उत्पन्न करने और गलत जानकारी देकर छल करने के आरोप में 6 अज्ञात लोगों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया गया है। पुलिस के अनुसाार 6 मार्च को दोपहर 4 बजे के आसपास देपालपुर के बीएलओ के पास दो गाड़ियों से 8 लोगों की टीम पहुंची थी। इस टीम में 3 महिलाएं भी थी और इनके साथ गनमेन भी थे। उन्होने तीन बीएलओ को बुलाया और कहा कि हम चुनाव आयोग से हैं और मतदाता सूची की जांच करने आए है।
बीएलओ उनकी बातों में आ गए और देपालपुर के कुछ गांवों में जाकर मतदाता सूची की जांच की और कुछ मतदाताओं से चर्चा भी की। इसके बाद दल ने मतदाता सूची से कुछ मतदाताओं के नाम हटाने के निर्देश बीएलओ को दिए और वहां से रवाना हो गए।
बीएलओ ने चुनाव आयोग का दल आने और जांच करने की बात अपने अफसरों उप जिला निर्वाचन अधिकारी अदिति गर्ग और जिला निर्वाचन अधिकारी लोकेश जाटव को नहीं दी। बाद में जब यह बात उजागर हुई तो उप जिला निर्वाचन अधिकारी ने बीएलओ को जमकर लताड़ लगाई। और कहा कि बगैर परिचय पत्र देखे आप लोगों ने यह कैसे मान लिया की वह चुनाव आयोग की टीम थी। इस पर बीएलओ ने बताया कि वे जिस तरह से आए थे उसे देखकर हम उनके प्रभाव में आ गए।
बीएलओ ने यह भी बताया कि वह लोग प्रभाव जमाने के लिए कलेक्टर का नाम बार-बार ले रहे थे। एसडीएम ने इन फर्जी लोगों पर प्रकरण दर्ज कराने के लिए पत्र बनाकर नायब तहसीलदार को दिया। इस पर पुलिस ने प्रकरण दर्ज किया है। चुनाव आयोग के फर्जी दल में शामिल एक महिला ने एक बीएलओ को फोन किया था, उस नकली महिला अफसर के माेबाइल नंबर के आधार पर आरोपियों का पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है।