नई दिल्ली। चुनाव आयोग (Election commission) ने गुरुवार को कहा कि फोटोयुक्त मतदाता पर्ची (Voter slip) चुनाव के दौरान एकल पहचान पत्र के रूप में अब मान्य नहीं होगी। मतदान के दौरान वोटर को तय 12 पहचान पत्रों (Identity cards) में से किसी एक को साथ रखना अनिवार्य होगा। इस संबंध में चुनाव आयोग के पास आपत्तियां आई थीं।
इनमें फोटोयुक्त मतदाता पर्ची की सुरक्षा को लेकर सवाल उठाए गए थे। कहा गया था कि मतदाता सूची जारी होने के बाद इन्हें प्रिंट किया जाता है और बीएलओ (BLO) के जरिये इनका वितरण होता है। वास्तव में इसमें कोई सुरक्षा फीचर भी नहीं होता।
इनका मतदाता फोटो पहचान पत्र के विकल्प के रूप में इस्तेमाल किया जाना सही नहीं है। चुनाव आयोग ने कहा, 'सभी तथ्यों को ध्यान में रखते हुए आयोग ने फैसला किया है कि फोटोयुक्त मतदाता पर्ची को एकल पहचान पत्र नहीं माना जा सकता।'
हालांकि, ऐसी पर्चियों का वितरण मतदाता जागरूकता कार्यक्रम के तहत किया जाता रहेगा। इन पर बड़े अक्षरों में यह लिखा जाएगा कि मतदाता पहचान पत्र के रूप में इनका इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।
12 पहचान पत्र होंगे मान्य
चुनाव में 12 दस्तावेज पहचान पत्र (ID PROOF) के रूप में मान्य हैं। इनमें फोटोयुक्त मतदाता पहचान पत्र, पासपोर्ट, आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, राज्य अथवा केंद्र सरकार, सार्वजनिक उपक्रम तथा पब्लिक लिमिटेड कंपनी द्वारा निर्गत फोटोयुक्त सेवा पहचान पत्र, पोस्टआफिस या बैंक पासबुक, पैन कार्ड और भारत के रजिस्ट्रार जनरल द्वारा निर्गत स्मार्ट कार्ड शामिल हैं।