भोपाल। प्रदेश के सरकारी कॉलेजों (Government colleges) में पढ़ाने वाले अतिथि विद्वान Atithi Vidwan मानदेय (Honorary) घटने से परेशान हैं। जनवरी 2019 तक इन्हें अधिकतम मानदेय 39500 रुपए तक मिलता था, लेकिन गत आठ मार्च को जारी आदेश के तहत अब इसे अधिकतम 30 हजार रुपए प्रतिमाह फिक्स कर दिया है। नए आदेश के बाद अब अतिथि विद्वानों को 20 दिन के बराबर ही मानदेय मिल सकेगा, क्योंकि 1500 रुपए के हिसाब से 20 दिन का मानदेय 30 हजार रुपए होता है और यही अधिकतम मानदेय सरकार ने फिक्स किया है। BJP सरकार के समय अगर एक महीने में रविवार को छोड़कर कोई सरकारी अवकाश नहीं है तो अतिथि विद्वानों को अधिकतम 27 दिन का मानदेय 39 हजार 500 मिल जाता था। अगर अतिथि विद्वान महीने में 25 दिन काम करे तो अधिकतम मानदेय 37 हजार 500 हो जाता था। सरकार के इस निर्णय से अतिथि विद्वान नाराज हैं और आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं।
प्रदेश में पांच हजार अतिथि विद्वान / 5000 guest scholars in the state
प्रदेश के विभिन्न कॉलेजो में पांच हजार अतिथि विद्धान कार्यरत हैं। यह असिस्टेंट प्रोफेसर व एसोसिएट प्रोफसरों के रिक्त पदों पर हैं। इनकी भर्ती शासन स्तर पर ऑनलाइन की गई है। ऑनलाइन भर्ती में पीजी डिग्री, पीएचडी, एमफिल आदि के साथ अनुभव को आधार बनाया गया है।
जनभागीदारी के अतिथि विद्वान अलग / Guest Scholar different Janbhagidari
जिन कॉलेजों मे विषयों में रिक्त पद नहीं होते हैं लेकिन टीचर की जरूरत रहती है वहां कॉलेज स्तर पर जनभागीदारी समिति के बजट से अतिथि विद्वान रखे जाते हैं। इनका मानदेय कॉलेज के हिसाब से रहता है। जो 8 हजार से 15 हजार रुपए तक रहता है।
..आवेदन मिलने पर हम विचार करेंगे
अतिथि विद्वानों का मानदेय संबंधी निर्णय शासन स्तर पर किया गया है। अभी तक हमारे पास किसी अतिथि विद्वान ने इस संबंध में आवेदन नहीं किया है। यदि वे आवेदन करेंगे तो हम उस पर विचार कर आगामी निर्णय करेंगे। राघवेंद्र सिंह, प्रमुख सचिव, उच्च शिक्षा विभाग मप्र
मानदेय पहले जैसा करें / As honorarium before
अतिथि विद्वानों का अधिकतम मानदेय 39 हजार रुपए तक था लेकिन कांग्रेस सरकार ने मानदेय संबंधी नए आदेश जारी कर दिए हैं। इस आदेश में अतिथि विद्वानों का मानदेय अधिकतम 30 हजार रुपए कर दिया है। हम इस आदेश का विरोध करेंगे और उच्च शिक्षा मंत्री सहित अफसरों को आवेदन देंगे कि हमारा मानदेय पहले की तरह किया जाए। देवराज सिंह, अध्यक्ष. अतिथि विद्वान महासंघ, मप्र
यह हैं आदेश / These are orders
प्रदेश सरकार ने वर्ष 2018 में प्रदेश में रिक्त पदों पर काम करने वाले अतिथि विद्वानों का मानदेय बढ़ा दिया था। इस आदेश के अनुसार अतिथि विद्वानों को 1500 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से अधिकतम 39 हजार 500 रुपए मानदेय कर दिया था। अब इस आदेश में संशोधन कर दिया है।