भोपाल। महिला बाल विकास विभाग अंतर्गत तेजस्वनी परियोजना में विगत 12 वर्षो से कार्यरत संविदा कर्मचारी अधिकारी कार्यरत थे विगत एक सप्ताह पूर्व इन सभी को सेवा समाप्ति का नोटिस थमा दिया गया है यह कहकर की तेजस्वनी परियोजना अब बंद हो चुकी है अतः 31 मार्च के बाद आपकी सेवाओं की आवश्यकता नहीं है।
म.प्र. संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर ने सेवा समाप्ति का विरोध करते हुये म.प्र. महिला बाल विकास विभाग की मंत्री इमरती देवी तथा महिला बाल विकास विभाग के प्रमुख सचिव जे.एन. कंसोटिया को ज्ञापन सौंपकर मांग की है कि 5 जून 2018 को म.प्र. सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा बनाई गई संविदा नीति नियम में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि संविदा कर्मचारियों को हटाया नहीं जायेगा तथा उनको नियमित किया जायेगा । इसिलए महिला बाल विकास विभाग में अनेकों परियोजनाओं में पद खाली पड़े हुये है, उन पर आऊट सोर्सिंग कर्मचारियों से काम लिया जा रहा है तथा विभाग में नियमित भी कई पद खाली पड़े हुये हैं उन पदों पर तेजस्वनी परियोजना के संविदा कर्मचारियों को नियमित किया जाए।
महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर ने महिला बाल विकास मंत्री इमरती देवी को अवगत कराया कि इन कर्मचारियों ने अपने जीवन का महत्वपूर्ण समय विभाग को दिया है, सभी की शादी हो चुकी और बच्चे भी हो चुके हैं इनके माता-पिता की जिम्मेदारी भी इनके ऊपर हैं नौकरी जाने से संविदा कर्मचारी सड़कों पर आ जायेंगें। कांग्रेस के घोषणा पत्र में भी स्पष्ट है कि संविदा कर्मचारियों को नियमित किया जायेगा निकाला नहीं जायेगा । अतः तेजस्वनी परियोजना के संविदा कर्मचारियों को अन्य योजनाओं में संविलयन किया जाए तथा जिन संविदा कर्मचारियों की सेवाएं दो माह पूर्व समाप्त कर दी गई हैं उनको भी अन्य योजनाओं में संविलयन किया जाए । जिन लोगों की संविदा समाप्त की जा रही है उनके पदों के नाम है जिला कार्यक्रम प्रबंधक, अतिरिक्त कार्यøम प्रबंधक, मूल्यांकन एवं अनुश्रवण सहायक, कार्यक्रम सहायक, स्टैनो ग्राफर, लेखा सहायक आदि।