नई दिल्ली। प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारियों की सबसे बड़ी समस्या यह है कि यदि वो जॉब चेंज करते हैं तो उनका पीएफ का पैसा फंस जाता है लेकिन अब कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के सदस्यों को अगले वित्त वर्ष से नौकरी बदलने पर ईपीएफ राशि स्थानांतरण करने का अनुरोध करने की आवश्यकता नहीं होगी। इस प्रक्रिया को स्वचालित बनाने पर काम चल रहा है।
श्रम मंत्रालय के एक अधिकारी ने इसकी जानकारी दी। अभी ईपीएफओ के सदस्यों को यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (यूएएन) रखने के बाद भी ईपीएफ स्थानांतरण करने के लिए अलग से अनुरोध करना पड़ता है। EPFO को हर साल ईपीएफ स्थानांतरण करने के करीब आठ लाख आवेदन मिलते हैं। श्रम मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘ईपीएफओ प्रायोगिक आधार पर नौकरी बदलने पर ईपीएफ के स्वत: हस्तांतरण पर काम कर रहा है। सभी सदस्यों के लिए सह सुविधा अगले साल किसी भी समय शुरू की जा सकती है।’
अधिकारी ने कहा, ‘ईपीएफओ ने पेपरलेस संगठन बनने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अपनी प्रक्रिया की स्टडी का काम सी-डैक को दिया है। अभी 80 प्रतिशत कार्य ऑनलाइन हो रहे हैं। लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में नौकरी बदलने पर ईपीएफ का स्वत: हस्तांतरण महत्वपूर्ण है।’
अधिकारी ने कहा कि जैसे ही नए नियोक्ता मासिक ईपीएफ रिटर्न दायर करेंगे जिसमें नये कर्मचारी का यूएएन भी शामिल होगा, वैसे ही पहले के ईपीएफ योगदान और उसपर मिले ब्याज का स्वत: हस्तांतरण हो जाएगा। उन्होंने कहा, ‘नौकरी बदलने पर ईपीएफ का स्वत: हस्तांतरण होने पर सदस्यों को काफी लाभ होगा क्योंकि यूएएन एक बैंक खाते की तरह हो जाएगा। इससे कोई अंत नहीं पड़ेगा कि सदस्य जगह या नियोक्ता बदलता है, ईपीएफ में वह अपना योगदान यूएएन के जरिये हासिल कर सकेंगे। यह कर्मचारियों के पूरे जीवन के दौरान लागू रहेगा।’