भोपाल। मप्र संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर ने बताया कि म.प्र. जबलपुर उच्च न्यायालय के द्वारा म.प्र. विद्युत नियामक आयोग को झटका देते हुये एक ऐतिहासिक फेसला देते हुये वहां पर संविदा पर कार्य कर चुके एक स्टैनोग्राफर चन्द्रप्रकाश तिवारी को नियमित करने के निर्देश दिये गये हैं।
चन्द्रप्रकाश तिवारी विद्युत नियामक आयोग में स्टैनोग्राफर सह डाटा एन्ट्री आपरेटर के पद पर 2 अगस्त 1999 से कार्यरत थे 2015 में नियमितीकरण के लिए गठित कमेटी ने दस अन्य संविदा कर्मचारियों को तो नियमित कर दिया लेकिन चन्द्रप्रकाश तिवारी से द्वेषपूर्ण व्यवहार करते हुये यह कहकर सेवा से हटा दिया गया कि आपकी संविदा अविध समाप्त हो गई है और नियमितीकरण के लिये वांछित योग्यता 80 शब्द प्रतिमिनिट की गति से शार्टहैण्ड उत्तीर्ण का प्रमाण पत्र प्रमाणित संस्था से नहीं है।
चन्द्र प्रकाश तिवारी के द्वारा समस्त वांछित योग्यता होने के बावजूद विद्युत नियामक आयोग भोपाल के द्वारा चन्द्रप्रकाश तिवारी से बाद में आए हुये कर्मचारियों को नियमित किये जाने तथा योग्यता होने के बावजूद चन्द्रप्रकाश तिवारी को नियमित नहीं किये जाने के कारण मप्र हाईकोर्ट में याचिका 24 जून 2016 में दायर की लगातार तीन वर्ष सुनवाई के पश्चात् माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर के द्वारा विगत माह यह निर्णय पारित किया गया कि विद्युत नियामक आयोग के द्वारा दस वर्ष से अधिक कार्य संविदा पर कार्य करने वाले याचिका कर्ता चन्द्रप्रकाश तिवारी पास नियमितीकरण के पर्याप्त योग्यता होने के बाद भी उसके कनिष्ठ दस कर्मचारियों को नियमित कर दिया जो कि चन्द्रप्रकाश तिवारी के साथ न्याय नहीं है।
अतः याचिका के विश्लेषण और तर्काे के आधार पर माननीय उच्च न्यायालय के न्यायाधीश सुजाय पाल द्वारा विद्युत नियामक आयोग को यह निर्देश जारी किये गये कि याचिकाकर्ता के नियमितीकरण सबंधी दावे पर जिस प्रकार उसके कनिष्ठ कर्मचारी श्री आर.पी. सिंहा तथा श्रीमती दिव्या अभिलाष को नियमित किया गया। उसी प्रकार उसके समकक्ष स्थिति मानते हुये समुचित आदेश पारित करेगा। यदि याचिकाककर्ता का नियमितीकरण किया जाता है तो उसे उसी तिथि से नियमित किया जाए जिस तिथि से अन्य कर्मचारियों को नियमित किया गया है तथा उसका काल्पनिक वेतन निर्धारण करते हुये उक्त तिथि से वेतन का लाभ दिया जाए तथा जो उससे कनिष्ठ आज वेतन आहरण कर रहे हैं उतना वेतन याचिकाकर्ता चन्द्रप्रकाश तिवारी को प्रदाय किया जाए।
माननीय न्यायाधीश महोदय ने यह भी निर्देश दिये कि विद्युत नियामक आयोग प्रकरण का निराकरण भारत के संविधान के अनुच्छेद -14 से प्रवाहित समानता के सिद्वांत की कसौटी पर विचार करते हए करेंगें क्योंकि विद्युत नियामक आयोग ने याचिकाकर्ता से कनिष्ठ संविदा कर्मचारियों को नियमित कर दिया है। मप्र संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ ने मप्र उच्च न्यायालय के द्वारा संविदा कर्मचारी को नियमित करने के निर्णय का स्वागत करते हुये म.प्र. शासन से मांग की है कि इस आधार पर प्रदेश के समस्त संविदा कर्मचारियों को नियमित किया जाना चाहिए।