भोपाल। BHOPAL SAMACHAR DOT COM की खबर का असर हुआ है। चुनौतीपूर्ण सीट केवल दिग्विजय सिंह (DIGVIJAY SINGH) को ही नहीं बल्कि ज्योतिरादित्य सिंधिया (JYOTIRADITYA SCINDIA) को भी मिल सकती है। यदि दिग्विजय सिंह को भोपाल से प्रत्याशी बनाया जाता है तो इंदौर से ज्योतिरादित्य सिंधिया को उतारा जा सकता है। इसकी मांग उठी है और प्रियंका गांधी ने भी ऐसे संकेत दिए हैं। बता दें कि BHOPAL SAMACHAR ने 17 मार्च को 'क्या कमलनाथ, दिग्विजय सिंह को उलझा रहे हैं, चुनौती सिर्फ दिग्विजय सिंह को ही क्यों' प्रकाशित की थी। इसी के बाद मांग उठी। इसी पोस्ट के प्रकाशन के बाद प्रियंका गांधी ने भी कहा कि इंदौर से एक दमदार प्रत्याशी आने वाला है, आप बेफिक्र रहिए।
दिग्विजय सिंह का भोपाल में नफा नुक्सान
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मीडिया के सामने खुलकर बयान दिया है कि दिग्विजय सिंह को प्रदेश की सबसे कठिन सीट पर चुनाव लड़ना चाहिए। दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर इस चुनौती को स्वीकार भी कर लिया है। माना जा रहा है कि सिंह भोपाल से चुनाव लड़ सकते हैं। एक संभावना उनके इंदौर से भी लड़ने की है। इन दोनों सीटों पर सिंह समर्थकों का प्रभाव है। भोपाल की 8 में से 5 सीटों पर भाजपा के विधायक हैं परंतु पाचों की दिशाएं अलग-अलग हैं। भाजपा के पास ऐसा कोई नाम नहीं है जिसके लिए पाचों विधायक काम करने तैयार हो जाएं। इसका फायदा दिग्विजय सिंह को मिलेगा।
क्या ज्योतिरादित्य सिंधिया इंदौर से जीत सकते हैं
कांग्रेस के अंदरूनी खेमे में चर्चा है कि इंदौर जैसी प्रतिष्ठित सीट के लिए एक नाम कांग्रेस महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया को उतारना चाहिए। इंदौर होल्कर स्टेट से जुड़ा हुआ है। 20 लाख से ज्यादा वोटर्स वाले इस क्षेत्र में महाराष्ट्रीयन और मराठा वोट का प्रभाव है। जिसका फायदा भाजपा सांसद सुमित्रा महाजन को हमेशा मिलता रहा है लेकिन यदि सिंधिया यहां से लड़ते हैं तो यह वोटबैंक एकतरफा कांग्रेस के साथ आ जाएगा। ज्योतिरादित्य सिंधिया की इंदौर में लोकप्रियता भी काफी है। यदि दिग्विजय सिंह सहयोग कर दें तो जीत सुनिश्चित है क्योंकि इंदौर में इस बार ताई को भाई के अलावा बड़े भाई भी हारते हुए देखना चाहते हैं।
सिंधिया राजवंश का इंदौर से रिश्ता
सिंधिया परिवार का रियासत के दौर से ही इंदौर से गहरा रिश्ता रहा है। आज भी होल्कर स्टेट से जुड़ी उषाराजे मल्होत्रा से उनके पारिवारिक रिश्ते हैं। मध्यप्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन में भी पिछले चार दशक से सिंधिया परिवार का दबदबा है। इंदौर क्रिकेट की राजनीति का गढ़ भी है। क्रिकेट में भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय और ज्योतिरादित्य के बीच हुए चर्चित चुनाव में सिंधिया ने शानदार जीत दर्ज की थी। इंदौर में कैलाश विजयवर्गीय का सिर्फ एक ही जवाब हो सकता है और वो है ज्योतिरादित्य सिंधिया।
ये सीटें कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती
बता दें कि इंदौर, भोपाल, विदिशा वे सीटें हैं जहां पर भाजपा ने पिछले तीन दशक से कांग्रेस का इस कदर सफाया किया है कि यहां पर कांग्रेस के पास दमदार उम्मीदवार तक नहीं है। इन सीटों पर भाजपा का दबदबा है। हालांकि खजुराहो, होशंगाबाद, बालाघाट जैसी और भी सीटें हैं, जहां पर भाजपा एकतरफा अपना परचम लहरा रही है लेकिन इंदौर, भोपाल, विदिशा पर कांग्रेस की नजर है।