इंदौर। भय्यूजी महाराज सुसाइड केस में नया खुलासा हुआ है। एसएसपी रुचिवर्धन मिश्र ने दावा किया है कि भय्यूजी महाराज ने अपना सुसाइड नोट पूरे होश ओ हवास मेें नहीं लिखा था बल्कि सेवादार विनायक और शरद ने दवाओं के नशे में बहुत पहले ही लिखवा लिया था। वो भय्यूजी महाराज को लगातार रेप केस में फंसाने की धमकी दे रहे थे। अब प्रश्न यह खड़ा हो गया है कि जब सुसाइड नोट पहले ही लिखवाया जा चुका था तो भय्यूजी महाराज ने आत्महत्या की या उनकी हत्या की गई है।
पुलिस ने चालान पेश किया
इससे पहले पुलिस ने खुलासा किया था लड़की पलक, सेवादार विनायक और शरद ने मिलकर भय्यू महाराज को हनीट्रेप में फंसा लिया था। इस मामले में सोमवार को पुलिस ने कोर्ट में चालान पेश कर दिया है। इसमें बताया गया है कि भय्यू महाराज ने सेवादार विनायक दुधाले, शरद देशमुख और पलक पुराणिक की ब्लैकमेलिंग से तंग आकर खुदकुशी की। इन तीनों पर आत्महत्या के लिए उकसाने, जबरन वसूली और संपत्ति हथियाने के लिए साजिश रचने का आरोप है।
संपत्ति हथियाने के लिए हनीट्रेप में फंसाया था
आजाद नगर सीएसपी सुरेंद्र सिंह तोमर ने कोर्ट में 366 पन्ने का चालान पेश किया। सूत्रों के मुताबिक पुलिस ने इस केस की तफ्तीश के दौरान करीब 125 लोगों से पूछताछ की, 28 लोगों के बयान दर्ज किए। 12 चश्मदीदों के दो से ज्यादा बार बयान के परीक्षण कराए गए। पुलिस ने भय्यू महाराज की नजदीकी बन चुकी पलक के बीच मोबाइल में हुई चैटिंग और सेवादार विनायक, शरद और पलक के बीच चैटिंग की जांच के बाद पाया कि ये तीनों महाराज की संपत्ति हथियाने के लिए दो साल से उनके आस-पास रहते हुए एक बड़ी साजिश रच रहे थे।