इंदौर। चाइल्ड लाइन, बाल कल्याण समिति और छोटी ग्वालटोली पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई करके 15 बच्चों को भिक्षावृत्ति करते हुए रेस्क्यू किया पकड़े गए बच्चों में 12 लड़कियां व 3 लड़के हैं। इनमें से 4 लड़कियां 15 साल से आसपास हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि चारों ब्यूटी पार्लर से सजधज कर भीख मांगने निकलतीं थीं। इससे उन्हे ज्यादा पैसे मिलते थे।
टीम ने बताया कि ज्यादातर बच्चे पिवड़ाय और नेमावर बायपास इलाके के रहने वाले हैं। काउंसलिंग के बाद उम्र के मुताबिक बच्चों को अलग-अलग संस्था में रखा गया है। पूछताछ में पता चला कि बच्चे सपेरा समुदाय के हैं। चार बच्चे पिवड़ाय, तीन बच्चियां सपेरा कॉलोनी खंडवा रोड और आठ बच्चे देवगुराड़िया इलाके के रहने वाले हैं। बच्चों ने बताया कि भिक्षावृत्ति के दौरान उन्हें लोग रुपए-पैसे के साथ खाने-पीने का सामान देते हैं। वे दिनभर में सौ से डेढ़ सौ रुपए कमा लेते हैं। जिसे ले जाकर वे अपने माता-पिता को देते हैं।
भीख मांगने से पहले ब्यूटी पार्लर क्यों जातीं थीं
इनमें शामिल चार बच्चियों के पहनावे से लग रहा है कि वे ब्यूटी पार्लर से तैयार होने के बाद भीख मांगने निकली थीं। सूत्रों का कहना है कि ऐसी लड़कियों को ज्यादा भीख मिलती है जो दिखने में अच्छी लगें। मनचले लोग इन्हे छूने के बहाने ज्यादा पैसे देते हैं।
जीप के आगे लेटी महिलाएं
समिति अध्यक्ष के मुताबिक, कार्रवाई के दौरान एक एनजीओ संचालक भी आ गया था। जो बच्चों की जिम्मेदारी लेकर छोड़ने का दबाव बना रहा था। सभी बच्चों को समिति के सामने पेश किया गया। यहां परिजन ने हंगामा किया और कहते रहे कि पहली बार बच्चों से उक्त काम करवाया है। बच्चों को जीप में बैठाने के दौरान गाड़ी के आगे कुछ महिलाएं लेट गई थीं। पुलिस ने बच्चों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया। टीम 52 बच्चों को रेस्क्यू कर चुकी है। 19 मार्च को जिला न्यायाधीश ने जिला प्रशासन, पुलिस सहित बाकी एजेंसियों की बैठक में अभियान चलाने का निर्देश दिया था।