जबलपुर। बिजली बंद होने की समस्या अब उपभोक्ता के लिए तनाव में तब्दील हो चुकी है। परीक्षा के समय बिजली कटौती से बच्चों के साथ अभिभावक भी चिंतित हैं। हर समय इस बात का भय बना होता है कि जाने कब बिजली बंद हो जाएगी। क्योंकि दिन हो या रात, किसी भी वक्त बिजली गुल हो जा रही है। कहने को चंद मिनटों के लिए सप्लाई ब्रेक होती है, लेकिन परीक्षा के वक्त ये पल भी भारी पड़ रहे हैं। वहीं अधिकारियों का कहना है कि शट डाउन नहीं किया जा रहा, उपभोक्ताओं का सवाल है कि बिजली बंद कैसे हो रही है।
घरों में बनाया इमरजेंसी बैकअप-
बिजली बंद होने के भय से कई घरों में इमरजेंसी लाइट खरीद ली गई है। किसी भी वक्त बिजली बंद होने पर तत्काल इमरजेंसी लाइट चालू कर ली जाती है। चिंता कमजोर तबके के उपभोक्ता के लिए अधिक है। वो वैकल्पिक इंतजाम भी नहीं कर पाते हैं। उसका आसरा बिजली पर ही है।
ऐसे बंद हो रही सप्लाई-
त्रिमूर्ति नगर में 7 मार्च को रात 8 बजे बिजली बंद हो गई। करीब 10 मिनट पूरे इलाके में ब्लैकआउट रहा। सिविल लाइन थाने के पीछे 7 मार्च को दिन में तीन दफा कुछ मिनटों को बिजली बंद हुई। ग्वारीघाट नर्मदा नगर में 7 मार्च को रात में तीन बार बिजली बंद हुई। हर बार कुछ मिनटों का शट डाउन हुआ। वीर सावरकर वार्ड गुलौआ में 5 मार्च को रात में तीन बार बिजली बंद हुई। गढ़ा में फूलसागर में 6 मार्च को रात 8 बजे एक घंटे के लिए बिजली बंद हुई।गढ़ा फाटक में 7 मार्च को सुबह 9 बजे चंद मिनटों के लिए सप्लाई बंद हुई।
बोर्ड परीक्षाओं का दौर-
इन दिनों 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षाएं चल रही हैं। इसके अलावा भी अन्य कक्षाओं की परीक्षा हो रही है। फिर भी बिजली बंद हो रही है। बच्चे परीक्षाओं के समय इस कदर डरे हैं कि उनके घरवाले दिन में ही कोर्स और रिवीजन करवा रहे हैं। रात का इंतजार ही नहीं कर रहे, क्योंकि जाने कब बिजली बंद हो जाए।
24 घंटे में सिर्फ कम 10 मिनट बिजली-
शहर में शटडाउन जैसा कुछ भी नहीं किया जा रहा है। परीक्षाओं के दौर में शटाडाउन वाले काम भी बंद कर दिए गए हैं। वही काम हो रहे हैं जो चालू लाइन में किए जा सकें। औसत 23 घंटे 50 मिनट बिजली सप्लाई की जा रही है।
-आईके त्रिपाठी, अधीक्षण यंत्री