भोपाल। भाजपा के संस्थापक लाल कृष्ण आडवाणी का हश्र देखने के बाद मध्यप्रदेश में अटल-आडवाणी के समय के नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर ने खुद को लोकसभा टिकट की रेस से बाहर कर लिया है। उन्होंने कहा कि उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि पार्टी यहां के स्थानीय नेता को ही प्रत्याशी बनाए, इस बात पर हम कायम हैं।
बता दें कि फार्मूला 75 के नाम पर अमित शाह ने भाजपा के पितामह कहे जाने वाले नेता लाल कृष्ण आडवाणी का टिकट काट दिया। इसके अलावा 75 पार के दावेदारों को स्पष्ट संदेश दिया गया कि यदि वो संगठन में काम करना चाहते हैं तो दावेदारी से खुद को दूर कर लें। देश भर में कई नेताओं ने चुनाव ना लड़ने की इच्छा जताई है। मध्यप्रदेश से बाबूलाल गौर ने भी खुद को रेस से बाहर कर लिया।
अब इंदौर की ताई पर सबकी नजर
अब इंदौर लोकसभा की अपराजेय महिला नेता सुमित्रा महाजन पर पूरे प्रदेश की नजरें आकर टिक गईं हैं। 75 पार कर गईं सुमित्रा महाजन को इन दिनों अपने जीवन के सबसे विषम दिन देखने पड़ रहे हैं। विधानसभा चुनाव के समय उनके बेटे मंदार महाजन को लोकसभा के नाम पर टिकट नहीं दिया गया और अब स्थानीय कार्यकर्ताओं का एक गुट खुलकर विरोध कर रहा है। इधर दिल्ली में फार्मूला 75 एप्लिकेबल हो गया है। देखते हैं ताई अपना टिकट बचाने में कामयाब हो पातीं हैं या नहीं।