भोपाल। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय अपने यहां चल रहे आधे से ज्यादा कोर्स बंद कर सकता है। कोर्स के अत्यधिक विस्तार होने के कारण शिक्षा की गुणवत्ता पर बुरा असर पड़ा है। इसकी चर्चा मंगलवार को विश्वविद्यालय में आयोजित बैठक में की गई। हालांकि अभी इस पर निर्णय नहीं लिया गया है, लेकिन अधिकांश विभागों के एचओडी ने कोर्स कम करने की मंशा जाहिर की है। इसके साथ ही पाठ्यक्रमों में राजनीतिकरण की शिकायतों की जांच के लिए भी एक विशेष जांच समिति बना दी गई है।
जानकारी के अनुसार मंगलवार को माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में कुलपति दीपक तिवारी ने सभी विभागों के एचओडी के साथ बैठक की। इसमें विवि के पाठ्यक्रम की गुणवत्ता के स्तर को उठाने पर जोर दिया गया। सामने आया कि विवि के पाठ्यक्रमों में अत्यधिक विस्तार के कारण ऐेसे हालात बने हैं। जहां पर भी पाठ्यक्रमों की संख्या सीमित है, वहां की शिक्षा का स्तर काफी ऊंचा है। ऐसे में हमारा इस पर विचार करना जरूरी हो गया है कि विवि कितने पाठ्यक्रमों का सही और उचित तरीके से संचालन कर सकता है। बैठक में चर्चा हुई कि आधे से ज्यादा कोर्स विवि को संचालित नहीं करना चाहिए। ऐसे में अगर बैठक में हुई चर्चा पर आगे निर्णय लिया जाता है, ताे विवि में आधे से ज्यादा कोर्स बंद कर देगा। वर्तमान में विवि में आठ विभागों में विभिन्न तरह के कई कोर्स चल रहे हैं। इनमें डिप्लोमा से लेकर स्नातक और स्नातकोत्तर की डिग्रियां हैं।
बनी विशेष जांच समिति
विवि के पुराने कार्यों की जांच के लिए एक विशेष जांच समिति बनाई गई थी। जांच समिति के सामने इस दौरान कई तरह से पाठ्यक्रमों के राजनीतिकरण की शिकायतें आईं। जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर ही विवि ने अब एक विशेष जांच समिति बनाई है। यह समिति पाठ्यक्रम में हुए बदलाव और उसके असर की जांच करेगी। समिति मुख्य रूप से पाठ्यक्रम में राजनीति से प्रेरित किए बदलावों की रिपोर्ट तैयार करेगी। उसके सुझाव पर ही पाठ्यक्रम से ऐसे तथ्यों को हटाने पर निर्णय लिया जाएगा।