नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ राज्य की राजधानी रायपुर में कुछ दिनों पहले तक लोग सोच रहे थे कि प्रोफेसर कॉलोनी में रिटायर्ड इनकम टैक्स अफसर हेमाप्रभा बोस कितनी नेक इंसान थीं। उन्होंने ईमानदारी से नौकरी की, अपनी सारी संपत्ति दत्तक पुत्र को सौंप दी और अपना शरीर मेडीकल कॉलेज को दान कर दिया परंतु पीएम रिपोर्ट के बाद खुलासा हुआ है कि हेमाप्रभा बोस 68 वर्ष की मौत तो हत्या है। उनके अपने बेटे ने उन्हे मारा और उनका शव मेडीकल कॉलेज का दान कर दिया ताकि सारे सबूत नष्ट हो जाएं और किसी को पता ही ना चले।
रामकृष्ण अस्पताल के डॉक्टरों ने मदद की
पुलिस के अनुसार, हेमाप्रभा बोस बरसों पहले पति से अलग हुई थीं और इनकम टैक्स की रिटायर्ड अफसर थीं। उन्होंने सुदीप बोस को डेढ़ साल की उम्र में गोद लिया था, जो अब 23 साल का हो गया है। वह कॉलेज में पढ़ाई कर रहा है। हेमप्रभा ने अपनी पूरी प्रॉपर्टी भी उसी के नाम कर दी थी। वह बीमार चल रही थीं। 25 फरवरी की रात भी उसका मां से पढ़ाई-लिखाई पर ही विवाद हुआ। उसने सोते हुए अपनी मां का बिस्तर में ही गला घोट दिया। इसके बाद वह शव को कार में रखकर रामकृष्ण अस्पताल ले गया। रामकृष्ण अस्पताल के डॉक्टरों ने मृत महिला को बेहोश बताकर इलाज किया और फिर मृत घोषित कर दिया। डॉक्टरों की इस करतूत ने बेटे का उत्साह बढ़ा दी।
शव दान करने के बाद परिजनों को बताया
सुदीप रात में ही शव लेकर घर आ गया और रातभर बगल में बैठा रहा। सुबह वह शव लेकर मेडिकल कॉलेज गया। वहां दस्तावेजी प्रक्रिया पूरी की और शव को दान करके आ गया। उसके बाद रिश्तेदारों को हेमप्रभा की मौत की सूचना दी। हेमाप्रभा अपने भाई के साथ रहती है। उनके भाई ने नाराजगी जताई कि उसे मौत के बारे में क्यों नहीं बताया। उन्हें शक हुआ, तो पुलिस में सूचना दी। पुलिस मेडिकल कॉलेज पहुंची और शव को कब्जे में लिया। उसका अंबेडकर अस्पताल में पोस्टमार्टम कराया गया। शरीर में चोट के निशान पाए गए। पुलिस को शक हुआ कि मृतका के साथ मारपीट हुई है। आरोपी को पूछताछ के लिए बुलाया गया तो वह गुमराह करने लगा। पुलिस ने उसे पूछताछ के बाद छोड़ दिया था। दोबारा उसे बुलाया गया और सख्ती से पूछताछ की गई, तो उसने हत्या की बात कबूल कर ली।