भोपाल। कांग्रेस सरकार बनने के बाद दूसरी बार कर्मचारियों को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ेगा। पहली बार वित्तीय संकट की बजह से कई विभागों का वेतन रोका गया था, इस बार मोबाइल नंबर फीड न होने के कारण ऐसा होगा। आयुक्त कोष ने साफ कर दिया है कि जब तक आईएफएमआईएस में अधिकारी-कर्मचारियों के मोबाइल नंबर फीड नहीं होंगे, उन्हें अप्रैल में मिलने वाला मार्च का वेतन नहीं मिलेगा। इस तरह का ऑप्शन उक्त सॉफ्टवेयर में भी डाल दिया गया है ताकि कोई भी ट्रेजरी ऑफिसर वेतन संबंधी प्रक्रिया को पूरा नहीं कर सके।
इस निर्णय को लेकर कर्मचारी संगठनों ने नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि इस मामले में वित्त मंत्री से विरोध जताएंगे। उल्लेखनीय है कि जिले के 60 फीसदी कर्मचारियों ने बार-बार निर्देश जारी होने के बाद भी अपने मोबाइल नंबर सॉफ्टवेयर में फीड नहीं किए हैं। इस कारण करीब अधिकारियाें और कर्मचारियाें का मार्च का वेतन नहीं मिलेगा। मोतीमहल के कोषालय अधिकारी प्रमोद सक्सेना ने कहा, कोषालय के आईएफएमआईएस पर बड़ी संख्या में अधिकारी-कर्मचारियों के मोबाइल नंबर फीड नहीं हैं।
इससे उनके वेतन आहरण, व्यक्तिगत दावों की मंजूरी, आवेदन प्राप्ति व स्वीकृति के बाद मोबाइल पर एसएमएस नहीं पहुंच पा रहे हैं। इसी कारण आयुक्त कोष ने साफ कर दिया है कि अप्रैल का वेतन आहरण तभी संभव होगा जबकि सभी कर्मचारियों का मोबाइल व अन्य विवरण सॉफ्टवेयर में दर्ज नहीं हो जाएगा।
चतुर्थ श्रेणी की मदद डीडीओ करेंगे
चतुर्थ श्रेणी के अधिकतर कर्मचारी ट्रेजरी के सॉफ्टवेयर पर काम करना नहीं जानते हैं। इसी कारण इनकी मदद के लिए मुख्यालय ने डीडीओ को मदद करने को कहा है। बाकी सभी को अपने एम्पलाई कोड के आधार पर डीडीओ से पासवर्ड लेकर यह काम खुद ही करना होगा।
सातवें वेतनमान की किश्त में भी दिक्कत
सरकारी अधिकारी-कर्मचारियों को सातवें वेतनमान की दूसरी किश्त मई में मिलनी है। एरियर की दूसरी किश्त के बिल तभी जनरेट होंगे जबकि कर्मचारी के वेतन निर्धारण का अनुमोदन हो चुका होगा। यह काम सभी डीडीओ को 30 अप्रैल तक पूरा करना है।
वित्त मंत्री से मिलकर विरोध जताएंगे
कर्मचारी मोबाइल नंबर इसलिए फीड नहीं कर रहे हैं कि उनकी निजता भंग होगी, नंबर सार्वजनिक होंगे। कोई दुरुपयोग भी कर सकता है। वेतन रोकने का निर्णय व्यवहारिक नहीं है। वे इसके अलावा अन्य मुद्दों को लेकर बहुत जल्द प्रदेश के वित्त मंत्री व सचिव से भेंटकर उन्हें ज्ञापन देंगे। इस बार भी शिक्षा विभाग में कई कर्मचारियों को अभी तक वेतन नहीं मिला है। -रविन्द्र त्रिपाठी, प्रांतीय उपाध्यक्ष मप्र कर्मचारी कांग्रेस