भोपाल। भारत सरकार के आयकर विभाग की ओर से मध्यप्रदेश के दमोह में पदस्थ आयकर अधिकारी प्रेमचंद्र बांगरिया (INCOME TAX OFFICER PREMCHAND BANGRIYA) भ्रष्टाचार (CORRUPTION / BRIBERY) के एक मामले में दोषी पाए गए हैं। जबलपुर की सीबीआई कोर्ट (CBI COURT JABALPUR) के विशेष न्यायाधीश माया विश्वलाल (SPACIAL JUDGE MAYA VISHVALAL) ने उन्हे 4 साल जेल की सजा (PUNISHMENT) सुनाई है। इसके अलावा उन पर 1 लाख रुपए जुर्माना भी लगाया गया है।
सीबीआई के लोक अभियोजक विवेक सिन्हा ने बताया कि आरोपी आयकर अधिकारी प्रेमचंद्र बांगरिया ने दमोह में पदस्थ रहते हुए वर्ष 2011 में हटा के बजरंग स्वीट्स के संचालक और व्यापारी सुरेंद्र अग्रवाल से आयकर विभाग की छापामार कार्रवाई से बचने के लिए एक लाख रुपए की रिश्वत मांगी थी। उन्हाेंने 24 और 29 मार्च वर्ष 2011 को रिश्वत मांगी थी और 29 मार्च को 60 हजार रुपए की राशि हासिल भी कर ली थी। श्री अग्रवाल की शिकायत पर जबलपुर की सीबीआई टीम ने तत्कालीन आयकर अधिकारी के वैशाली नगर स्थित निवास पर छापा मारा था। जहां से उसे रंगे हाथों पकड़ा गया था।
इतना ही नहीं जबलपुर से आई सीबीआई की टीम ने कपड़े बदलकर छापामार कार्रवाई करने के लिए पूरी भूमिका जमाई थी। जैसे ही बंगरिया ने व्यापारी से रिश्वत की राशि ली थी, उसे टीम ने दबोच लिया था। इस मामले की जबलपुर की सीबीआई की विशेष न्यायाधीश माया विश्वलाल की अदालत में सुनवाई चल रही थी। न्यायाधीश ने मामले की सुनवाई करते हुए आयकर अधिकारी प्रेमचंद बांगरिया को 4 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा और एक लाख रुपए के जुर्माना की सजा सुनाई है।