भोपाल। पांचवीं और आठवीं में अब मूल्यांकन नहीं परीक्षा होगी। हालांकि परीक्षा जैसी सख्ती अगले साल से ही दिखाई देगी, क्योंकि दोनों परीक्षाएं 28 फरवरी से शुरू होने के दो दिन बाद सरकार ने नियमों में संशोधन किया है। इस वजह से नियम तो लागू होंगे, लेकिन इस बार सख्ती नहीं होगी। दोनों परीक्षाओं में करीब आठ लाख परीक्षार्थी शामिल होते हैं।
राज्य सरकार ने 'नि:शुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 (आरटीई)" में संशोधन कर दिया है। इस संशोधन के बाद राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा तय प्रश्न पत्र हल करने वाला विद्यार्थी ही उत्तीर्ण होगा, जो विद्यार्थी प्रश्न हल नहीं करेंगे या गलत उत्तर देंगे, वे अब फेल किए जाएंगे। ऐसे विद्यार्थियों को दो माह संबंधित विषय की पढ़ाई कराकर फिर से परीक्षा देने का मौका दिया जाएगा। उसमें भी पास नहीं होने वाले विद्यार्थियों को फिर से एक साल उसी कक्षा में पढ़ना होगा। सरकार ने नियम संशोधन कर दो मार्च को प्रकाशित कर दिए हैं। इसलिए नियम लागू तो हो गए, लेकिन नियम के पालन को लेकर संशय बना हुआ है।
स्कूल शिक्षा विभाग के मंत्रालय में बैठे अधिकारी कहते हैं कि नियम लागू होते ही परीक्षा का फैसला हो गया है। इसलिए 28 फरवरी से शुरू हुए मूल्यांकन को अब परीक्षा ही माना जाएगा और अच्छा प्रदर्शन नहीं करने वाले विद्यार्थी फेल भी होंगे, लेकिन राज्य शिक्षा केंद्र के अफसर कहते हैं कि इस साल से परीक्षा कराना संभव नहीं है, क्योंकि नियम जारी होने से पहले परीक्षा शुरू हो चुकी है।
जानकार बताते हैं कि तकनीकी रूप से यह संभव नहीं है। दरअसल, राज्य शिक्षा केंद्र शैक्षणिक सत्र की शुरुआत में पांचवीं-आठवीं में मूल्यांकन कराने के निर्देश जारी कर चुका है। अब अचानक इसे परीक्षा घोषित नहीं किया जा सकता है। फिर चाहे मूल्यांकन की तैयारी बोर्ड पैटर्न पर ही क्यों नहीं की गई हो। ज्ञात हो कि राज्य शिक्षा केंद्र पिछले तीन साल से बोर्ड पैटर्न पर दोनों परीक्षाएं करा रहा है।