दमोह। OM SAI RAM BUS TRAVELS SERVICE ने जिला न्यायालय में पदस्थ अधिवक्ता को एसी का किराया लेकर नॉन एसी बस में यात्रा करा डाली। कोर्ट ने जुर्माने के आदेश दिया गया है। अधिवक्ता द्वारा बस कंपनी के विरूद्ध मामला जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम के समक्ष प्रस्तुत किया गया, जिसमें फोरम द्वारा बस कंपनी के विरुद्ध निर्णय पारित किया गया है।
परिवादी एवं अधिवक्ता मुकेश पांडे ने बताया कि वह दिनांक 17 सितंबर 2017 को ओम साईंराम ट्रेवल्स की स्लीपर लग्जरी कोच बस से इंदौर गए थे। वहां से लौटने के लिए एसी स्लीपर लग्जरी कोच बस से ही 20 सितंबर 2017 को दमोह आने के लिए यात्रा की ऑनलाइन बुकिंग की थी और एसी बस कंपनी को 1500 रूपए ऑनलाइन भुगतान किया था। कंपनी द्वारा पिकअप प्वाइंट सरवटे बस स्टैंड रात्रि 8.15 बजे दिया गया। जब परिवादी अधिवक्ता निर्धारित समय पर सरवटे बस स्टैंड पहुंचे तब ओम साईंराम कंपनी द्वारा एसी स्लीपर लग्जरी कोच बस के स्थान पर पुरानी कंडम नॉन एसी बस यात्रा के लिए खड़ी कर दी, जबकि परिवादी द्वारा यात्रा के लिए लग्जरी एसी स्लीपर बस की बुकिंग की गई थी। परिवादी द्वारा इसकी आपत्ति बस कंपनी को दर्ज कराई थी, लेकिन उन्होंने उस पर ध्यान नहीं दिया, मजबूरन परिवादी को नॉन एसी बस में यात्रा करनी पड़ी। जिससे मानसिक एवं शारीरिक पीड़ा का सामना करना पड़ा।
न्यायालय द्वारा सुनवाई करते हुए ओम साईंराम बस सर्विस द्वारा किया गया उक्त कृत्य उपभोक्ता के विरुद्ध भारी सेवा में कमी माना और बस कंपनी के विरुद्ध 5 हजार रूपए का हरजाना लगाते हुए बस किराए की अंतर की राशि वापस करने का आदेश दिया है कि उक्त राशि परिवादी को 2 माह के अंदर प्रदान करें। परिवादी की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता मनीष नगाइच ने बताया कि न्यायालय में मामला प्रस्तुत करने पर बस कंपनी द्वारा उक्त बस दुर्घटनाग्रस्त हो जाने की बात कही थी लेकिन न्यायालय द्वारा उनकी इस दलील को नामंजूर करते हुए निर्णय पारित किया है।