इन्दौर। उच्च शिक्षा विभाग के अपर आयुक्त वेद प्रकाश ने एक पत्र जारी करके मप्र में जनभागीदारी मद से नियुक्त किए गए सभी कर्मचारियों की नियुक्ति को अवैध घोषित कर दिया। मध्यप्रदेश शासकीय महाविद्यालयीन (उच्च शिक्षा) जनभागीदारी कर्मचारी संघ के इन्दौर जिला अध्यक्ष मनीष पंवार ने उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी से उनके निवास पर मुलाकात की। इस पर उच्च शिक्षा मंत्री ने संघ के पत्र पर टीप अंकित कर उच्च शिक्षा विभाग को तत्काल अवगत कराने का कहा गया। उनके द्वारा कहा गया की जब हम विपक्ष में थे तब भी आपको बाहर नही करने दिया अब तो हम सरकार में है।
जनभागीदारी कर्मचारियों का कहना है कि मुख्यमंत्री कार्यालय के साथ-साथ ऊर्जा मंत्री के मिनिटस दिनांक 12.01.2019 तथा उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी के पत्र दिनांक 18.02.2019 जारी कर में मध्यप्रदेश के शासकीय महाविद्यालयों की जनभागीदारी/स्ववित्तीय/स्वशासी /अन्य निधियों से कार्यरत तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के वेतन में एकरूपता लाते हुए स्थाई कर्मी में विनियमित योजना से लाभान्वित करने संबंधी पत्र उच्च शिक्षा विभाग को लिखा था। जिस पर अपर आयुक्त वेद प्रकाश ने दिनांक 01.03.2019 को पत्र जारी मे जनभागीदारी मद से कर्मचारी न रखे जाने संबंधी पत्र जारी कर मुख्यमंत्री कार्यालय के पत्र के साथ-साथ ऊर्जा मंत्री तथा स्वयं विभाग के उच्च शिक्षा मंत्री के पत्र का ही खण्डन कर दिया।
इससे यह स्पष्ट होता है कि कांग्रेस सरकार पर अफसरशाही कितनी हावी हो रही है, अफसरशाही जानबूझकर मुख्यमंत्री एवं विभागीय मंत्री के आदेशों की स्पष्ट अव्हेलना कर कांग्रेस सरकार की छबि खराब करने में लगे हैं। उच्च शिक्षा विभाग के अपर आयुक्त वेद प्रकाश के पत्र से प्रदेश भर के सरकारी महाविद्यालयों में विभिन्न मदों से कार्यरत कर्मचारी में रोष व्याप्त हैं।