भोपाल। किसानों को प्याज का उचित मूल्य दिलाने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री प्याज प्रोत्साहन योजना की मंजूरी दी है। योजना में राज्य की सहकारी विपणन समितियों, कृषक उत्पादक सगठनों, राज्य के सार्वजनिक उपक्रम, निजी संस्थाओं और व्यापारियों को इस बात के लिये प्रोत्साहित किया जायेगा कि वे किसानों से 800 रूपये प्रति क्विंटल से कम कीमत में प्याज न खरीदे।
यह बात ध्यान में आयी है कि प्याज की आवक होने पर मध्यप्रदेश की मण्डियों में भाव गिर जाते हैं परन्तु देश की अन्य बड़ी मण्डियों जैसे दिल्ली, कानपुर, लखनऊ, कोलकाता और रांची में अच्छे भाव मिलते हैं। इसलिये राज्य के जो व्यापारी, किसानों से 800 रूपये प्रति क्विंटल से अधिक दर पर प्याज खरीद कर प्रदेश के बाहर की मण्डियों में बेचेंगे, उन्हें परिवहन और भण्डारण पर होने वाले खर्चों का 75 प्रतिशत तक अनुदान दिया जायेगा। साथ ही राज्य की सहकारी विपणन समितियों अथवा कृषक उत्पादन संगठन द्वारा यदि किसानों से ली गई प्याज का प्रदेश के बाहर विक्रय का काम किया जाता है, तो उन्हें परिवहन और भण्डारण पर होने वाले खर्चों की शत-प्रतिशत पूर्ति की जायेगी।
इस सबके बावजूद यदि मई और जून माह में बाजार में कीमतें 800 रूपये प्रति क्विंटल से नीचे जाती हैं, तो जो पंजीकृत किसान इस अवधि में प्याज बेचेंगे उन्हें निर्धारित मण्डियों के मॉडल विक्रय भाव और 800 रूपये प्रति क्विंटल के समर्थन मूल्य के बीच के अंतर की राशि सीधे उनके बैंक खाते में जमा की जायेगी।
मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने किसानों से अपील की है कि वे एक साथ सारा प्याज बाजार में विक्रय के लिये न लायें जिससे उसके मूल्य पर अनावश्यक दबाव न पड़े। उन्होंने कहा कि किसान फसल आवक के समय जितने पैसे की उस समय आवश्यकता हो, उस मान से ही प्याज का विक्रय करें। किसान शेष उत्पादित प्याज का भण्डारण कर सकते हैं। इससे मण्डियों में प्याज के भाव नहीं गिरेंगें और किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य मिल सकेगा।