भोपाल। सीएम कमलनाथ ने युवाओं को रोजगार देने का वादा किया था। इसके लिए 'युवा स्वाभिमान योजना' की शुरूआत की। इसके तहत बेरोजगारों को साल में 100 दिन रोजगार देने का ऐलान किया। यहां तक तो सब चमत्कारी था परंतु जैसे ही योजना के फीचर्स सामने आना शुरू हुए, यह योजना कमलनाथ सरकार को ही कटघरे में खड़ी करने लगी है।
बीते रोज तय हुआ था कि युवा स्वाभिमान योजना के तहत बेरोजगारों को गाय चराने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। अब फैसला हुआ है कि युवा स्वाभिमान योजना के तहत बेरोजगारों को बैंड बजाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस तरह युवाओं को आत्मनिर्भर बनाया जाएगा। मुख्यमंत्री कमलनाथ की मानें तो बैंड-बाजे की ट्रेनिंग से लोगों को रोजगार के ज्यादा अवसर उपलब्ध होंगे और बैंड बजाने का कौशल हासिल करने पर आमदनी बढ़ने की संभावना है। छिंदवाड़ा में बैंड बजाने की ट्रेनिंग को एक स्कूल खोले जाने की तैयारी है।
मोदी ने पकौड़े तलवाए थे, कमलनाथ बैंड बजवाएंगे
समीक्षकों ने इस योजना को अच्छे नंबर नहीं दिए हैं। युवा स्वाभिमान योजना के कारण सीएम कमलनाथ की रेटिंग भी घट रही है। आलोचकों का कहना है कि सत्ताधारियों के चेहरे बदले हैं लेकिन आम जनता से ठगी का तरीका एक ही है। पीएम नरेंद्र मोदी ने नौकरियों के नाम पर वोट मांगे थे, फिर पकौड़े तलने को रोजगार बताया। अब सीएम कमलनाथ ने नौकरियों के नाम पर वोट वसूले और गाय चराने, बैंड बजाने का काम सिखा रहे हैं।