भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार ने कम्प्यूटर बाबा को नंदी न्यास का अध्यक्ष बनाया है। बाबा का इंदौर के गोमट गिरी में आश्रम है। इसके पहले शिवराज सरकार के दौरान उन्हें राज्यमंत्री का दर्जा दिया गया था। लेकिन विधानसभा चुनाव से पहले वे कांग्रेस के समर्थन में उतर आए थे। उन्होंने लगातार पिछली सरकार पर नर्मदा में हुए उत्खनन पर को लेकर सवार उठाए थे। कांग्रेस की सरकार बनने के बाद कम्प्यूटर बाबा को शपथ ग्रहण समारोह विशेष अतिथि के तौर पर बुलाया गया था।
कौन है कम्प्यूटर बाबा
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कंप्यूटर बाबा हैं जो साल 2014 में आम आदमी पार्टी के टिकट पर संसद पहुंचने के सपना देख रहे थे। दिगंबर अखाड़ा से जुड़े श्री श्री 1008 महामंडलेश्वर नामदेव त्यागी उर्फ कंप्यूटर बाबा का इंदौर के अहिल्या नगर में भव्य आश्रम है। बाबा का असल नाम नामदेवदास त्यागी है। महंत नृसिंहदास महाराज का कहना है कि तेज दिमाग, स्मार्ट वर्किंग व कार्यशैली के कारण उनको यह नाम मिला है।
1998 के आसपास कम्प्यूटर का युग गति पकड़ रहा था। नृसिंहपुर में एक कार्यक्रम के दौरान वरिष्ठ साधु-संतों ने नामदेवदास महाराज की तेज कार्यशैली को देखते हुए उनका नाम कम्प्यूटर बाबा रख दिया। बाबा जिस विषय से सहमत नहीं, उस पर बेबाकी से प्रतिक्रिया देने में देरी नहीं करते। अलग-अलग मुद्दों के लिए तीन नामी कलेक्टर के खिलाफ मोर्चा भी खोल चुके हैं।
महामंडलेश्वर कंप्यूटर बाबा कुटिया में रहते हैं, लेकिन लैपटॉप, फेसबुक और हेलिकॉप्टर का शौक रखते हैं। उन्हें हेलीकॉप्टर से सफर और फेसबुक पर भक्तों से चैटिंग करने से आनंद आता है। हेलिकॉप्टर से कंप्यूटर बाबा को ज्यादा लगाव है लोकल अखबारों के अनुसार यज्ञ और अनुष्ठानों के पर्चे बांटने के लिए हेलिकॉप्टर का इस्तेमाल करते हैं। 2011 में मालवा महाकुंभ और 2012 में विदिशा में धार्मिक आयोजन के लिए हेलिकॉप्टर से लगातार कई दिन तक पर्चे बांटे गए थे।