भोपाल। भारतीय जनता पार्टी ने निर्वाचन आयोग से प्रदेश सरकार द्वारा आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायत की है। पार्टी ने अपनी शिकायत में विभिन्न मुद्दों का हवाला देते हुए प्रदेश सरकार के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर कार्रवाई किए जाने की मांग भी की है। शिकायत में कहा गया है कि प्रदेश सरकार पिछली तारीखों में तबादले और नियुक्तियां कर रही है, जिसे तत्काल रोका जाना चाहिए।
भारतीय जनता पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल सोमवार को मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय पहुंचा और पार्टी की ओर से लिखित शिकायत प्रस्तुत की। इस प्रतिनिधिमंडल में पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष श्री विजेश लुणावत, पार्टी की निर्वाचन आयोग संबंधी समिति के प्रदेश संयोजक श्री शांतिलाल लोढ़ा, सह संयोजक श्री एस.एस.उप्पल एवं एडव्होकेट रवि कोचर शामिल थे। प्रतिनिधि मंडल द्वारा प्रस्तुत की गई लिखित शिकायत में कहा गया है कि शनिवार- रविवार को शासकीय अवकाश होने के बावजूद वल्लभ भवन में मध्य रात्रि तक स्थानांतरणों की सूची तैयार कर आदेश जारी किये गए। इन आदेशों में पुरानी तारीखें अंकित कर जावक रजिस्टर में 7 दिन पुराना डिसपेच क्रमांक अंकित किया गया। चूंकि आचार संहिता प्रभावी हो चुकी है, इसलिए इन तबादलों को निरस्त किया जाए, क्योंकि ये तबादले निर्वाचन प्रक्रिया को प्रभावित करने की मंशा से किए गए हैं। आवश्यक होने पर निर्वाचन आयोग की अनुमति से तबादले किए जाएं।
शिकायत में कहा गया है कि मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ जी के नाम से ‘‘जयकिसान फसल ऋण माफी योजना’’ से संबंधित एक मैसेज किसानों को जानबूझकर किया जा रहा है। इसमें कर्जमाफी की बात कही जा रही है, जो चुनाव प्रचार का ही एक स्वरूप है। इस तरह का चुनाव प्रचार आचार संहिता लागू कहोने के बाद नहीं किया जा सकता, इसलिए तत्काल कार्रवाई करते हुए इस मैसेज का प्रसारण रोका जाए। इसके साथ ही प्रदेश सरकार द्वारा ऋण माफी पत्र जारी किए जा रहे हैं जिनमें एक ओर राज्य शासन का प्रतीक चिन्ह है और दूसरी तरफ मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ जी का फोटो और हस्ताक्षर हैं। ऐसे ऋण पत्र भी आदर्श आचार संहिता का खुल्ला उल्लंघन है। शिकायती पत्र में बैंकों में फसल ऋण माफी की राशि के स्थानांतरण तथा निकासी पर रोक लगाने की मांग भी की गई है। पार्टी ने कहा है कि इस संबंध में सहकारी बैंकों से यह जानकारी ली जाए कि 7 मार्च, को शाम 5 बजे तक बैंक में कितनी राशि जमा थी और कितनी निकाली गई थी, ताकि आगे कोई गड़बड़ी न हो पाए।
पार्टी ने अपनी शिकायत में कहा है कि मध्यप्रदेश के मण्डला, जबलपुर, रतलाम, राजगढ़, ग्वालियर, गुना आदि विशेष महत्वपूर्ण संसदीय क्षेत्र हैं, लेकिन सरकार ने इन जिलों में प्रमोटी अथवा जूनियर आईएएस अधिकारियों को कलेक्टर नियुक्त किया है। चूंकि ये सभी क्षेत्र संवेदनशील लोकसभा क्षेत्र हैं, इसलिए यहां के कलेक्टरों के स्थानांतरण आदेश कब हुये, किस दिनांक को उन्होंने पदभार ग्रहण किया जैसे बिंदुओं का परीक्षण कर आयोग इन जिलों में वरिष्ठ आई.ए.एस अधिकारियों की पदस्थापना सुनिश्चित करे।
प्रदेश सरकार द्वारा पिछली तारीखों में नियुक्तियों की शिकायत करते हुए पार्टी के प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि कम्प्यूटर बाबा को मॉ नर्मदा, मॉ.क्षिप्रा एवं मॉ मंदाकिनी नदी न्यास का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। उनकी नियुक्ति का आदेश भी प्रेस को रविवार को शाम 06.00 बजे के बाद दिया गया। जबकि आदेश में 08 मार्च 2018 की तारीख अंकित की गई है, जबकि 08 मार्च 2018 को वर्तमान सरकार अस्तित्व में भी नही आयी थी। इससे यह जाहिर है कि वर्तमान सरकार किस प्रकार से पुरानी तारीखों में आदेश जारी कर रही है। प्रतिनिधिमंडल ने अपनी शिकायत के साथ इस संबंध में समाचार पत्रों में प्रकाशित समाचार की फोटोकॉपी भी प्रस्तुत की है। शिकायती पत्र में कहा गया है कि पार्टी द्वारा उठाए गए बिंदुओं पर संज्ञान लेकर आयोग राज्य शासन के विरूद्ध योग्य कार्रवाई करे।