जबलपुर। सरकार के कर्जमाफी के बाद किसान का कर्ज माफ नहीं हुआ तो दुखी किसान ने जहर खा लिया। घटना जबलपुर से 40 किलोमीटर दूर बरगी इलाके के ग्राम हिनौता की है। गंभीर हालत में किसान को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जहां उसकी हालत नाजुक बनी हुई है।
आत्महत्या का प्रयास करने वाले किसान का नाम भूपत पटेल बताया जा रहा है। किसान पर दो लाख रुपए का कर्ज था। कांग्रेस सरकार की जय किसान ऋण माफी योजना की लिस्ट में किसान का नाम था। लेकिन उसका कर्ज माफ नहीं हुआ। चुनाव आचार संहिता लगते ही उसके पास कर्जा माफ नहीं होने का एसएमएस भी आ गया। इसी वजह से कुछ दिन से किसान परेशान था। बुधवार को दोपहर उसने जहर खाकर जान देने की कोशिश की।
ओलावृष्टि में भी खराब हुई फसल
किसान के बेटे अखिलेश ने बताया कि पिताजी दो माफी से कर्ज माफ होने का इंतजार कर रहे थे। आचार सहिंता लगते ही उनके पास बैंक से कर्ज माफ नहीं होने का मैसेज आ गया। इसके बाद से वे दुखी थे। रही सही कसर ओलावृष्टि ने पूरी कर दी। ओलावृष्टि की वजह से हमारी गेहूं और चने की फसल को काफी नुकसान हुआ है।
पत्नी ने कहा फसल देखकर हुए थे दुखी
कृषक भूपेश लोधी की पत्नी ने बताया कि शनिवार को उसके गांव तथा आसपास के क्षेत्र में जबरदस्त ओलावृष्टि हुई थी। मौसम थोड़ा सा साफ होने पर पति खेत फसल की स्थिति देखने गया। खेत पर पहुंचते ही उसने देखा कि गेहूं तथा चना की फसल पूरी तरह से नष्ट हो गई है। । फसल की उम्मीद पर ही किसान कर्ज पटाने की सोच रहा था।
परिवारजन तत्काल लाए अस्पताल
विषैली गोलियां खाने के बाद ही उसकी स्थिति बिगडऩे लगी। उसकी पत्नी तथा आसपास के लोगों ने तत्काल उसे प्राथमिक उपचार दिलाया और तत्काल आकर जबलपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया। किसान की पत्नी ने बताया कि पहले उसके पास मैसेज आया था कि उसका कर्ज माफ कर दिया जाएगा किंतु कुछ दिन पूर्व भी उसे द्वारा एक मैसेज मिला कि आचार संहिता लग जाने से कर्ज माफ नहीं होगा। इन मैसेज को ही उसने अंतिम फैसला मानते हुए प्राण देने की सोच ली।