सागर। कांग्रेस की प्रदेश सरकार ने कर्ज माफी के नाम पर प्रदेश के किसानों को छला है। पिछले दो महीनों के शासनकाल में यह स्पष्ट हो गया है कि यह सरकार किसानों के आंसू पोंछने वाली सरकार नहीं है, बल्कि ये दलालों के साथ ऐशो आराम करने वाली सरकार है। यह बात भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह ने प्रदेश के सागर में आयोजित पालक-संयोजक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि पिछले दो महीनों में प्रदेश की कमलनाथ सरकार ने प्रदेश की दिशा ही बदल दी है।
लॉ एंड ऑर्डर का मतलब लो और ऑर्डर करो हुआ
श्री शाह ने प्रदेश की कमलनाथ सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि इस सरकार ने पिछले दो महीनों में प्रदेश में बड़ा बदलाव किया है। शिवराज सरकार के समय लॉ एंड ऑर्डर का मतलब होता था कानून व्यवस्था। लेकिन इस सरकार के दो महीनों के कार्यकाल में लॉ एंड ऑर्डर का मतलब हो गया है-लो और ऑर्डर करो। उन्होंने कहा कि शिवराज जी के समय में सरकार गरीबों, आदिवासियों, युवाओं के लिए चलती थी, लेकिन अब यह सरकार दलालों के लिए चलती है। श्री शाह ने सम्मेलन में उपस्थित पालक-संयोजकों से पूछा कि बताइये दो महीनों में परिवर्तन हुआ है या नहीं। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व वाली सरकार ने 133 योजनाएं शुरू कीं। इन योजनाओं को देश में सबसे पहले लागू करने का काम शिवराज सरकार करती थी। प्रधानमंत्री आवास योजना, बिजली, सड़क, सिंचाई सभी से संबंधित योजनाएं सबसे पहले मध्यप्रदेश में लागू होती थीं। अब कमलनाथ सरकार ने केंद्र की सारी योजनाओं पर रोक लगा दी है। उन्होंने कहा कि पिछले दो महीने में यह फर्क स्पष्ट रूप से दिखने लगा है कि भाजपा और कांग्रेस की सरकार कैसी होती है। उन्होंने कहा कि ये बड़ा परिवर्तन है। दो महीनों में प्रदेश में भारी बदलाव हुआ है। कभी अंत्योदय के लिए चलने वाली प्रदेश की सरकार अब दलालों के लिए चलने लगी है।
कर्जमाफी के नाम पर किसानों को छला
श्री शाह ने कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने कर्जमाफी के नाम पर किसानों को छला है। सरकार किसानों के पैसे से ही कर्जमाफी कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के किसानों का 50 हजार करोड़ का कर्ज माफ करना था, लेकिन इस सरकार ने अभी तक पांच हजार करोड़ का भी कर्ज माफ नहीं किया। श्री शाह ने कहा कि किसानों के साथ हुए इस छलावे को हमें मुद्दा बनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस सरकार को किसानों की नहीं, दलालों की और अपने ऐशो आराम की चिंता है, इस परिवर्तन को लेकर हमें जन-जन तक जाना चाहिए।