भोपाल। राजनीति क्या कुछ नहीं कराती। अनुसूचित जाति जनजाति के थोकबंद वोट के लालच में मध्यप्रदेश के तत्कालीन सीएम शिवराज सिंह चौहान ने छाती ठोककर बयान दिया था कि 'कोई माई का लाल जातिगत आधार पर आरक्षण बंद नहीं करवा सकता' अब वही शिवराज सिंह आर्थिक आधार पर आरक्षण की मांग करते हुए आंदोलन की धमकी दे रहे हैं।
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने पत्र लिखकर अपने मित्र मुख्यमंत्री कमलनाथ से मांग की है कि दूसरे प्रदेशों की तरह मध्य प्रदेश में भी तुरंत गरीब सवर्णों के लिए दस प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था लागू कर दी जाए। उन्होंने कहा है कि ऐसा नहीं होने पर बीजेपी इस मुददे को जोरशोर से उठाएगी। साथ ही किसानों के खाते में सालाना 6 हजार देने के मामले में सरकार के टालमटोल करने पर शिवराज ने कांग्रेस को आड़े हाथ लिया।
बता दें कि ये वही शिवराज सिंह चौहान हैं जिन्होंने मुख्यमंत्री रहते ना केवल 'आर्थिक आधार पर आरक्षण' का विरोध किया बल्कि सरकारी कर्मचारियों को प्रमोशन में भी जातिगत आधार पर आरक्षण दिलाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में सरकार की तरफ से याचिका दाखिल करवाई। नतीजा यह हुआ कि लाखों कर्मचारियों का प्रमोशन अटक गया। हजार कर्मचारी बिना प्रमोशन के ही रिटायर हो गए।