भोपाल। सिंहस्थ 2016 में किसी भी प्रकार के घोटाले से इनकार करने वाले कमलनाथ सरकार के नगरीय विकास विभाग के मंत्री एवं दिग्विजय सिंह के चिरंजीव जयवर्धन सिंह ने ना केवल सेकेंड क्लास अफसर को निगम कमिश्नर बना दिया बल्कि फर्स्ट क्लास अफसर जो पहले कमिश्नर था को उसके अधीन डिप्टी कमिश्नर भी बना दिया। अब आरोप लग रहे हैं कि ये तबादले रिश्वत लेकर किए गए हैं।
विभाग ने शुक्रवार को भोपाल नगर निगम में उपायुक्त के रूप में पदस्थ भगवान दास भूमरकर का तबादला कर बुरहानपुर नगर निगम का आयुक्त बना दिया है जबकि उनसे सीनियर अधिकारी और खंडवा नगर निगम कमिश्नर के पद पर पदस्थ जेजे जोशी को बुरहानपुर नगर निगम में उपायुक्त बना दिया। जेजे जोशी प्रथम श्रेणी अधिकारी हैं, जबकि भूमरकर द्वितीय श्रेणी अधिकारी हैं। जोशी सीएमओ कैडर के अफसर हैं। भूमरकर नगरीय विकास विभाग के अधिकारी भी नहीं है। वो यहां डेपुटेशन पर हैं।
सरकार द्वारा जो तबादला सूची जारी की जाती है, उसमें सीनियर अधिकारी का नाम पहले लिखा जाता है और जूनियर अधिकारी का नाम बाद में लिखा जाता है। इस तबादला सूची में भी ऐसा ही हुआ। बुरहानपुर नगर निगम उपायुक्त बनाए गए जोशी का नाम सूची में ऊपर है और भूमरकर का नाम नीचे है। आचार संहिता लागू होने से पहले सरकार ने शुक्रवार को भी करीब 75 तबादले किए।
अब तक 300 तबादले, प्रतिनियुक्ति वाले को कमिश्नर बना दिया
नगरीय विकास विभाग में कांग्रेस सरकार बनने के बाद अब तक प्रशासकीय पद पर लगभग 300 से ज्यादा तबादले हो चुके हैं। सूत्रों के मुताबिक आमतौर पर नगर निगम कमिश्नर पद पर सरकार शासकीय अधिकारी को नियुक्त करती है, लेकिन इस बार यह परंपरा भी टूट गई। भूमरकर मुख्यत: मप्र माध्यम के कर्मचारी हैं। वे कई सालों से प्रतिनियुक्ति पर नगरीय विकास विभाग में हैं। बताया जाता है कि भूमरकर पर वर्ग विशेष से जुड़े अधिकारियों का हाथ है, इसलिए ज्यादातर वे मनचाही पदस्थापना पर रहे हैं। इस संबंध में नगरीय विकास विभाग के प्रमुख सचिव संजय दुबे से बात करने की कोशिश की गई, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका।