प्रयागराज। लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) से पहले मोदी सरकार (Modi Government) के खिलाफ एक बार फिर कई समाज के लोग सड़कों पर उतरे हैं. आदिवासियों ने जंगल से बेदखल करने के खिलाफ और दलित संगठनों ने अपनी मांगों को लेकर भारत बंद (BHARAT BAND) किया है. आदिवासी समूह (Tribal groups) यह मांग का रहे हैं कि केंद्र उनके अधिकारों के संरक्षण के लिए अध्यादेश लाए. भारत बंद का असर दिखना भी शुरू हो गया है.
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में मंगलवार को भारत बंद को लेकर समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने इलाहाबाद से लखनऊ जाने वाली गंगा गोमती एक्सप्रेस ट्रेन को रोक दिया है. ये ट्रेन शहर के बैरहना इलाके में रोकी गई है. बता दें कि लखनऊ में काम करने वाले कई लोग इस ट्रेन का इस्तेमाल करते हैं. 13 प्वाइंट रोस्टर की जगह 200 प्वाइंट रोस्टर लागू करने की मांग कई लोग कर रहे हैं, इसी के विरोध में आज कई संगठनों ने बंद बुलाया है.
बंद को कई राजनीतिक दलों का भी समर्थन मिला है. बंद को देखते हुए देश के कई हिस्सों में सरकारें अलर्ट पर हैं. आज के भारत बंद में आदिवासी अधिकार आंदोलन, ऑल इंडिया अंबेडकर महासभा, संविधान बचाओ संघर्ष समिति जैसे बड़े संगठन शामिल हैं. बंद का कांग्रेस, राजद, आम आदमी पार्टी, समाजवादी पार्टी जैसी बड़ी पार्टियों ने समर्थन किया है.
देश में दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों के अस्तित्व पर ख़तरा मंडरा रहा है।आदिवासियों की ज़मीने छिनी जा रही है। संविधान के साथ छेड़छाड़ कर वंचित वर्गों का आरक्षण समाप्त किया जा रहा है। दलितों पर उत्पीड़न बढ़ गया है। RSS की जातिवादी नीतियों को लागू किया जा रहा है। राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने भी ट्वीट कर इसका समर्थन किया है. लालू ने ट्वीट कर कहा कि देश में दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है. आदिवासियों की जमीनें छीनी जा रही हैं.
यह हैं मांगे
1. उच्च शिक्षण संस्थानों की नियुक्तियों में 13 प्वाइंट रोस्टर की जगह 200 प्वाइंट रोस्टर लागू हो
2. शैक्षणिक व सामाजिक रूप से भेदभाव, वंचना व बहिष्करण का सामना नहीं करने वाले सवर्णों को 10 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान रद्द किया जाये
3. आरक्षण की अवधारणा बदलकर संविधान पर हमले बंद करने का विरोध
4. देश भर में 24 लाख खाली पदों को भरा जाये
5. लगभग 20 लाख आदिवासी परिवारों को वनभूमि से बेदखल करने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश को पूरी तरह निरस्त करने के लिए अध्यादेश लाने की मांग
6. पिछले साल 2 अप्रैल के भारत बंद के दौरान बंद समर्थकों पर दर्ज मुकदमे व रासुका हटा कर उन्हें रिहा करने की भी मांग