नई दिल्ली। कांग्रेस का सपोर्ट मिलने बाद भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर ने एक बार फिर हिंसा फैलाने की धमकी दी है। चंद्रशेखर ने जंतर-मंतर से कहा कि अगर हमारी मांगें नहीं मानी गईं तो इसके लिए बहुत बड़ी कीमत चुकानी होगी। उन्होंने धमकी भरे लहजे में कहा कि अगर हमें नजरअंदाज किया गया तो ऐसी स्थिति में बहुजन समाज के लोग भीमा कोरेगांव जैसी घटना को फिर से दोहरा सकते हैं।
बता दें कि जंतर-मंतर पर बसपा संस्थापक कांशीराम की जयंती पर बहुजन हुंकार रैली आयोजित की गई है। जिसमें चंद्रशेखर आगामी लोकसभा चुनावों के मद्देनजर युवाओं को संबोधित किया। चंद्रशेखर की प्रमोशन में आरक्षण सहित कई मांगें हैं। ओबीसी आरक्षण पर चंद्रशेखर ने कहा, 'मोदी सरकार हमारे साथ न्याय नहीं कर रही है।
मुलायम ने कहा कि हमें फिर से मोदी को पीएम बनाना चाहिए। मैं कहता हूं कि हम सभी को मरना भी पड़े लेकिन मोदी को फिर से पीएम नहीं बनने देंगे। अखिलेश, बहुजन हैं। आपका समर्थन करते हैं। मुझसे मिलने मत आइए, मुझे परवाह नहीं है, लेकिन आपको मेरे सवालों का जवाब देना होगा।'
चंद्रशेखर ने भीड़ से पूछा कि क्या आप चाहते हैं कि मैं मोदी को हराने के लिए वाराणसी जाऊं? लोगों ने हां में जवाब दिया। इसके बाद चंद्रशेखर ने कहा कि मैं एक सुरक्षित सीट चुन सकता था, लेकिन मैं नेता नहीं बनना चाहता हूं। मैं बहुजन समाज का बेटा हूं। इस दौरान चंद्रशेखर ने कांशीराम की बहन को गठबंधन की ओर से टिकट दिए जाने की गुजारिश की।
बता दें कि भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने सोमवार को बहुजन हुंकार रैली की शुरुआत की थी। ये यात्रा रविदास छात्रावास से शुरू होने वाली थी, लेकिन आचार संहिता लागू होने के कारण यात्रा की अनुमति नहीं दी गई। इसके बावजूद भी भीम आर्मी ने बहुजन हुंकार रैली की शुरुआत की लेकिन मंगलवार को देवबंद में प्रशासन ने उनकी रैली को रोक दिया। यात्रा को रोकने जाने के बाद हुए हंगामे के बाद पुलिस ने कार्रवाई शुरू कर दी।
प्रशासन ने चुनावी आचार संहिता उल्लघंन के चलते चंद्रशेखर को हिरासत में ले लिया था लेकिन बाद तबियत बिगड़ जाने के चलते उन्हें को मेरठ के हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया, जहां कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी, ज्योतिरादित्य सिंधिया और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर ने बुधवार को जाकर मुलाकात की थी।