नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस (Delhi Police) की क्राइम ब्रांच (Crime branch) को दो दिन पहले ही नैशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च ऐंड ट्रेनिंग (एनसीईआरटी) की नकली किताब छापने (Fake book publishing) की शिकायत मिली थी. बताया जा रहा है कि कुछ लोग एनसीईआरटी की भारी मात्रा में बड़ी क्लासेस की पाइरेटेड किताबें छाप रहे हैं. जिसके बाद पूर्वी दिल्ली के गाजीपुर इलाके में एक प्रेस में एनसीईआरटी की टीम के साथ छापेमारी की, जहां करीब 35 लोग उस प्रिंटिंग प्रेस में काम कर रहे थे. क्राइम ब्रांच ने एनसीईआरटी की 25,000 से अधिक नकली किताबें जब्त कीं
टेबल पर रखी इन किताबों को एक बार देख कर आप धोखा खा जाएंगे कि ये बिल्कुल असली किताबें ही हैं क्योंकि इन किताबों में जो मैटेरियल इस्तेमाल किया गया है वो बिल्कुल असली किताबों से मिलता-जुलता है. किताब के पन्नों में NCERT का वॉटर मार्क का भी इस्तेमाल किया गया है. लेकिन ये किताबें भले ही हूबहू असली एनसीईआरटी की किताबों की तरह दिखती हो पर ये असली नहीं बल्कि पायरेटेड किताबें (Pirated books) हैं.
क्राइम ब्रांच ने इस मामले में अभिषेक नाम के एक शख्स को गिरफ्तार किया है. क्राइम ब्रांच के डीसीपी राजेश देव (DCP Rajesh Dev) के मुताबिक एनसीईआरटी की किताबों की बढ़ती डिमांड को देखते हुए अभिषेक पिछले करीब 6 महीने से इन किताबों को छापने का काम कर रहा था. छापे के दौरान एनसीईआरटी की 25,000 से अधिक नकली किताबें, एनसीईआरटी के वाटर मार्क वाले रील पेपर, सादे पेपर बड़ी संख्या में पाए गए. छापे में बड़ी कक्षाओं की हिंदी, गणित, अंग्रेजी, रसायन विज्ञान और अर्थशास्त्र विषयों की किताबें थीं.
पुलिस की मुताबिक इस गोरखधंधे में अभिषेक के साथ कई और लोग शामिल हैं जिनकी तलाश की जा रही है. साथ ही पुलिस ये पता लगाने में जुटी है कि आखिर आरोपी के पास वाटर मार्क वाले पेपर कहां से आये. फिलहाल पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ कॉपीराइट अधिनियम का उल्लंघन करने और एनसीईआरटी की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाने तथा उसे वित्तीय नुकसान पहुंचाने के आरोप में मामला दर्ज किया है. मामले की जांच की जा रही है. क्राइम ब्रांच दिल्ली एनसीआर समेत हरियाणा के कई और इलाकों में छापेमारी कर रही है. क्योंकि पुलिस को शक है कि इस रैकेट के तार काफी दूर तक फैले हुए हैं.