निवाड़ी। वरिष्ठ अधिकारियों की प्रताड़ना से तंग आकर कोतवाली निवाड़ी में पदस्थ एएसआई पीएन भट्ट ने राष्ट्रपति को पत्र लिख कर इच्छामृत्यु की अनुमति मांगी है। एएसआई के पत्र से पुलिस महकमे में हड़कंप की स्थिति बन गई है। वहीं यह पत्र सोशल मीडिया में भी वायरल हो रहा है।
पीएन भट्ट निवाड़ी कोतवाली में विगत करीब एक वर्ष से अधिक समय से पदस्थ हैं। राष्ट्रपति को भेजे चार पृष्ठ के पत्र में उन्होंने लिखा है कि वह पुलिस महकमे के वरिष्ठ अधिकारियों से निरंतर प्रताड़ित होता चला आ रहा है। जिसके संबंध में उन्होंने प्रार्थना पत्रों के माध्यम से पुलिस विभाग के पुलिस अधीक्षक, डीआईजी, आईजी, डीजीपी, राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग, मानव अधिकार आयोग, मुख्यमंत्री एवं प्रधानमंत्री को अवगत कराया, किन्तु इन पत्रों से उसे कोई राहत नहीं मिल सकी। पत्नी द्वारा एसटीडी एवं ब्यूटी पार्लर खोलने पर उसके ऊपर अनुमति न लेने का आरोप लगा कर विभागीय जांच की जाकर एक वेतनवृद्धि रोकी गई।
जिसकी अपील वर्ष 2005 से आज भी आईजी आफिस सागर में लंबित है। बक्सवाहा थाने में भी एक विभागीय जांच के नाम पर एक वेतनवृद्धि रोकी गई। टीकमगढ़ में एक प्रकरण में सही विवेचना करने के बाद भी लाइन अटैच किया गया। उन्होंने अपने पत्र में उल्लेख किया कि वह पुलिस अधिकारियों की आर्थिक रूप से पूर्ति नहीं कर सके, इसलिए उन्हें वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की प्रताड़ना का शिकार होना पड़ रहा है।
एसपी को पता ही नहीं
निवाड़ी के एसपी मुकेश श्रीवास्तव को एएसआई के पत्र के बारे में पता ही नहीं है। उनका कहना है कि पूरा मामला क्या है। इसकी जांच पड़ताल करवाता हूं।
मैं उदास हूं....
उन्होंने उल्लेख किया कि उनके ऊपर ऐसे ही अनेक निराधार आरोप लगा कर लाइन अटैच किया गया और वेतन वृद्धियां रोकी गई हैं। जिसकी जांच व प्रकरण वर्षों बाद भी अधिकारियों एवं न्यायालयों में लंबित हैं। जिससे अब मुझे न्याय मिलने की आशा नहीं रही है। जिससे में उदास हूं और घोर निराशा में हूं। मैं अंदर से टूट चुका हूं और अपना मानसिक संतुलन खोता जा रहा हूं। इसलिए कहीं से भी न्याय न मिलने पर राष्ट्रपति से इच्छामृत्यु की मांग करता हूं।