नई दिल्ली। राहुल गांधी द्वारा घोषित की गई 'न्यूनतम आय गारंटी योजना' जिसे 'न्याय योजना' के नाम से पुकारा जा रहा है के कारण भाजपा के विद्वान बौद्धिक कोमा में चले गए हैं। आरएसएस थिंकर्स की नींद भी उड़ी हुई है। जिस राहुल गांधी का पप्पू-पप्पू करके मजाक उड़ाया जाता था, उसने एक ही वार में 'मैं भी चौकीदार' अभियान साफ कर डाला। सारे देश में 'न्याय योजना' की चर्चा हो रही है। हम बता दें कि राहुल गांधी ने इस योजना का ऐलान तो जनवरी में ही कर दिया था। आरएसएस के लोग समझ नहीं पाए इसलिए काट तैयार नहीं की गई। अब समय नहीं बचा इसलिए यहां वहां से कुछ तर्क कुतर्क जमा करके घोषणा पर उंगली उठा रहे हैं।भाजपा के विद्वान तो 'ठेकेदारी' और 'साझेदारी' में व्यस्त हैं। भोपाल समाचार ने इस योजना को उसी समय उद्घाटित कर दिया था। (पढ़िए 28 जनवरी को प्रकाशित हुई यह खबर: सभी गरीबों के लिए न्यूनतम आय गारंटी योजना: राहुल गांधी)
भोपाल समचार ने 28 जनवरी को ही बता दिया था कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी (INC PRESIDENT RAHUL GANDHI) ने किसान कर्ज माफी योजना का ऐलान करके 3 राज्यों में सरकार बना ली। अब लोकसभा चुनाव (LOKSABHA ELECTION) से पहले ट्रंपकार्ड खेला है। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से उन्होंने ऐलान (ANNOUNCEMENT) किया है कि यदि 2019 में उनकी सरकार बनी तो हर गरीब को न्यूनतम आय की गारंटी (MINIMUM INCOME GUARANTEE SCHEME) दी जाएगी। इस योजना का नाम तय नहीं किया गया है परंतु भोपाल समाचार ने इसे मिनिमम इनकम गारंटी स्कीम बताया और अंतत: यह योजना इसी नाम से घोषित की गई।
राहुल गांधी से क्यों डरते हैं RSS/BJP के लोग
राजनीतिक मामलों के आलोचक एपी कश्चप का कहना है कि राहुल गांधी में एक लोकतांत्रिक नेता के गुण मौजूद हैं। यह गुण जवाहरलाल नेहरू, अटल बिहारी वाजपेयी, प्रणब मुखर्जी जैसे नेताओं में थे। इस तरह के नेताओं की सहृदयता का फायदा उठाकर आप उनका उपहास उड़ा सकते हैं, इन्हे बदनाम किया जा सकता है परंतु इनके मुद्दों पर तथ्य और तर्कों के साथ इनका सामना नहीं किया जा सकता। यही कारण है कि भाजपा ने योजनाबद्ध तरीके से 'पप्पू' अभियान चलाया ताकि कहीं लोग राहुल गांधी की बातों को गंभीरता से ना लें।